लखनऊ। उत्तर प्रदेश के हासरथ मामले में सीबीआई के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की भी एंट्री होने जा रही है। ईडी इस पूरे घटनाक्रम में जातीय हिंसा भड़काने को लेकर बनाई गई एक वेबसाइट और उससे किए गए के संबंध में हाथरस पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर की जांच करेगा। मिली जानकारी के ईडी इस पूरे मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज करने की तैयारी कर रही है। पुलिस एफआईआर की धारा 153 ए के तहत जो पीएमएलए के अन्तर्गत अपराध है और इस अपराध को करने के लिए एकत्र किए गए धन को ईडी जब्त कर सकती है। ऐसे मामलों में धन शोधन रोकथाम अधिनियम के तहत सात साल की सजा का प्रावधान है।
मिली जानकारी के अनुसार ईडी विदेशी पूछताछ के जरिए डोमेन सर्वरों से भी धन एकत्र करने और उसके उपयोग के बारे में पूछताछ करेगी। ईडी इस वेबसाइट द्वारा एकत्रित धन के अंतिम लाभार्थियों की भी जांच करेगा। सेवा प्रदाता से उस वेबसाइट के बारे में पूछताछ की जाएगी जिसने इस पृष्ठ को होस्ट किया है क्योंकि उसे अनिवार्य रूप से आईपी पता रिकॉर्ड होना चाहिए जहां से वेब पेज लॉन्च किया गया था। आप की जानकारी के लिए बता दें कि हाथरस में 14 सितंबर को दलित युवती के साथ कथित रूप से गैंगरेप और मारपीट का मामला सामने आया।
इलाज के दौरान बीते मंगलवार को दिल्ली के एक अस्पताल में पीड़िता की मौत हो गई है। गत बुधवार को उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। रात में जबरन अंतिम संस्कार कराये जाने का विपक्षी दलों ने आरोप लगाया। तबसे इस मामले ने तूल पकड़ लिया है और उत्तर प्रदेश की राजनीति दलितों के उत्पीड़न के मुद़दे पर केंद्रित हो गई है।
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