दलित, महिलाओं के खिलाफ अपराध का गढ़ बना राजस्थान, कांग्रेस ने साधी चुप्पी, बीजेपी ने किया हल्ला बोल

 

जयपुर। राजस्थान में महिलाओं के प्रति बढ़ते हुए अपराध के ग्राफ ने अशोक गहलोत की सरकार में कानून व्यवस्था पर कई गंभीर आरोप लगा दिए हैं। प्रदेश दलितों पर महिलाओं के प्रति बढ़े अपराध को देखते हुए बीजेपी ने नई नीति बनाने की मांग की है। इसमें मुआवजे के रूप में दुष्कर्म पीड़िता को सरकारी नौकरी और दस लाख रुपए देने की मांग की है। राज्य के राज्यपाल कलराज मिश्रा से बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात करते हुए राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए और दुष्कर्म पीड़िता के पुनर्वास के लिए नई नीति तैयार कराने के देने देना का आग्रह भी किया। इसके आलावा राज्यपाल से दलितों और महिलाओं के प्रति गंभीर आपराधिक मामलों की जाँच की एक निश्चित समय सीमा रखने और इन मामलों की प्रभावी निगरानी की मांग की है।

बीजेपी की ओर से राज्यपाल को सौंपे गए ज्ञापन में मौजूदा कांग्रेस सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि, दलितों, आदिवासियों, महिलाओं और प्रदेश की आम प्रति अपराध में अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है। दिसम्बर 2018 से अगस्त 2020 तक राजस्थान में 4 लाख 35 हज़ार केस दर्ज हुए हैं। इसमें छेड़छाड़ और दुष्कर्म के 11,200 मामले हैं।देश में कुल आपराधिक मामलों में से 7 प्रतिशत मामले तो सिर्फ राजस्थान से ही हैं। इसका खुलासा राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के 2019 के आंकड़ों से हुआ है।

महिलओं के प्रति अपराध के मामलों में राजस्थान देश में दूसरे नंबर पर आता है। प्रदेश में कांग्रेस सरकार आने के बाद 2018 की तुलना 2019 में 49.10 प्रतिशत ज्यादा आपराधिक मामले बढ़े हैं। देश में 18.72 प्रतिशत अपराध राजस्थान में होते हैं, दुष्कर्म से संबंधित मामलों में राज्य पहले ही नंबर है। राज्य में 12 से 18 वर्ष के बीच की लड़कियों के साथ दुष्कर्म मामले में राज्य पहले नंबर पर ही है। वहीं दलितों के खिलाफ आपराधिक मामलों में राजस्थान दूसरे नंबर है और देश में आए ऐसे मामलों में से 14.81 प्रतिशत मामले यहीं होते हैं।

आपको ये पोस्ट कैसी लगी नीचे कमेंट करके अवश्य बताइए। इस पोस्ट को शेयर करें और ऐसी ही जानकारी पड़ते रहने के लिए आप बॉलीकॉर्न.कॉम (bollyycorn.com) के सोशल मीडिया फेसबुकट्विटरइंस्टाग्राम पेज को फॉलो करें।

0/Post a Comment/Comments