रामविलास पासवान के नाम दर्ज है सबसे अधिक वोटों से चुनाव जीतने का रिकॉर्ड, कल होगा अंतिम संस्कार

लखनऊ। बिहार के कद्दावर नेता व कई सरकारों में केंद्रीय मंत्री रह चुके रामविलास पासवान अब इस दुनिया में नहीं रहे। दिवंगत नेता राम विलास पासवान का अंतिम संस्कार शनिवार को पटना में किया जाएगा। इससे पहले अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर अस्पताल से सीधे उनके आवास 12 जनपथ पर आज सुबह 10 बजे लाया गया। बता दें कि लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के संस्थापक राम विलास पासवान केंद्र सरकार में उपभोक्ता मामले, खाद्य एंव सार्वजनिक वितरण मंत्री थे। वैसे हर किसी के कॅरियर का सफर कुछ खास होता है। लेकिन रामविलास पासवान के कॅरियर का सफर काफी रोचक रहा। पढ़ाई के दौरान उनकी दिली ख्वाहिश पुलिस अधिकारी बनने की थी। इसके लिए वह एमए और एलएलबी करने के बाद यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में लग गए थे। लेकिन इसी बीच समाजवादी नेता रामसजीवन के सम्पर्क में आने के बाद कॅरियर की दिशा राजनीति की तरफ घूम गई।

वर्ष 1969 में रामविलास पासवान पहली बार राजनीति में उतरे और विधानसभा का चुनाव जीतकर विधायक भी बने। इसी के बाद उनके राजनीतिक सफर में थोड़ा ठहराव सा आ गया। लेकिन जब संसोपा का विघटन हुआ तो वह लोकदल के साथ आ गए। वर्ष 1974 में वह जयप्रकाश नारायण के आंदोलन से जुड़े और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की इमरजेंसी का जमकर विरोध किया। आपातकाल के विरोध में उन्होंने जेल भी काटा।

आपातकाल खत्म होने के बाद जब जनता पार्टी का गठन हुआ तो वह उसके टिकट पर हाजीपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़े और सांसद चुने गए। इसी के बाद से हाजीपुर लोकसभा सीट पासवान की पसंदीदा सीट बन गई। इसका फायदा यह हुआ कि उन्होंने इसी सीट पर चुनाव जीतकर सबसे अधिक मतों से जीतने का रिकार्ड भी बनाया। अपने पहले लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी बालेश्वर राम को 4 लाख 25 हजार 545 मतों के विशाल अंतर से हराकर विश्व रिकार्ड बनाया था।

इसके बाद वर्ष 1989 के लोकसभा चुनाव में रामविलास पासवान को हाजीपुर लोकसभा सीट से फिर प्रत्याशी बनाया गया। इस बार के चुनाव में उन्होंने सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले। इतना ही नहीं पासवान ने सर्वाधिक मतों से जीत हासिल कर अपने ही पुराने रिकॉर्ड को तोड़ डाला। इस बार भी उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार महावीर पासवान को 5 लाख 4 हजार 448 मतों के विशाल अंतर से हराकर दोबारा नया विश्व रिकॉर्ड बनाया। इसके पहले देश में कभी कोई नेता इतने मतों के अंतर से चुनाव नहीं जीता था। इसके साथ ही रामविलास पासवान देश के इकलौते नेता बन गए जिन्होंने सर्वाधिक मतों से जीतने का दो बार रिकॉर्ड स्थापित किया। इतने बड़े अंतर से जीत हासिल करने के लिए उनका नाम गिनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया।

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