फ्रांस के तर्ज पर ही आतंकवाद से लोहा लेने को तैयार है भारत

 


फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों ने इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ जंग छेड़ दी है जिसको लेकर दुनिया के कई इस्लामिक देश लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। भारत इस मुद्दे पर फ्रांस के साथ खड़ा है लेकिन कुछ असामाजिक तत्व यहां भी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जिन्हें अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने निशाने पर ले लिया है। पीएम ने ये भी संकेत दे दिए हैं कि भविष्य में वो भी फ्रांस की तरह ही भारत में भी इस्लामिक कट्टरता के खिलाफ मोर्चा खोल सकते हैं।

दरअसल, पीएम मोदी दो दिवसीय गुजरात दौरे पर हैं। इस दौरान देश के लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जन्म जयंती के मौके पर एक परेड के बाद सुरक्षा बलों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने इस्लामिक कट्टरवाद के खिलाफ मोर्चा खोलने की बात कही। पीएम मोदी ने अपने भाषण में ये साफ कर दिया है कि जो लोग इस तरह के विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं वो सभी कहीं न कहीं आतंकवाद का ही समर्थन कर रहे है। साथ ही मोदी ने सभी देशों से इसके खिलाफ एकजुटता से लड़ने की बात कही है।

कुछ लोग इस्लाम के अपमान का हवाला देकर फ्रांस की इस हिंसक घटना के लिए उन आतंकियों के बचाव में उतर आए हैं। उन सभी समर्थन करने वालों को आड़े हाथों लेते हुए पीएम मोदी ने राष्ट्रीय एकता दिवस के मौके पर कहा, “आज विश्व के कई देश आतंकवाद की इस बुरी समस्या से जूझ रहे हैं इसलिए सभी देशों और उनकी सरकारों को इस आतंकवाद के खिलाफ एक जुटता से खड़ा होना चाहिए क्योंकि इन लोगों के समर्थन में भी काफी लोग उतर आए हैं और ये जो लोग समर्थन में उतरे हैं वो भी बेहद ही खतरनाक हैं।”

गौरतलब है कि फ्रांस में बढ़ रहीं आतंकी घटनाओं को लेकर अब वहां के राष्ट्रपति मैक्रों फ्रंटफुट पर आ गए हैं। मैक्रों जमकर कट्टरपंथियों की क्लास लगा रहे हैं जिसके चलते तुर्की से लेकर पाकिस्तान, मलेशिया, बांग्लादेश जैसे कई इस्लामिक देश मैक्रों के खिलाफ खड़े हो गए हैं और जमकर उनकी आलोचना कर रहे हैं। इन देशों में लोग सड़कों पर निकलकर मैक्रोंके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। पूर्व मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने तो इस हिंसा का समर्थन तक कर दिया है, जो दिखाता है कि विश्व के लिए इस्लामिक कट्टरता कितनी ज्यादा खतरनाक हो गई है।

इस्लाम के नाम पर इस कट्टरता और आतंकवाद से भारत भी अछूता नहीं रहा है बहराल, भारत में भी मित्र देश फ्रांस के प्रधानमंत्री मैक्रों के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। यहां तक की उनकी गरिमा को चोट करते हुए उनपर व्यक्तिगत हमले कर उनका अपमान भी किया जा रहा है। भोपाल में मैक्रों के विरोध में जिस तरह से कांग्रेसी विधायक द्वारा हजारों लोगों का मजमा इकट्ठा किया गया था, ठीक उसी तरह के मुंबई के भिंडी बाजार इलाके की सड़कों में फ्रांसीसी राष्ट्रपति के पोस्टर रोड पर लगाए गए थे जिन पर लोग पैर रखकर निकल रहे थे।
ताज्जुब की बात ये है कि ये लोग जो प्रदर्शन करने के लिए जमा हुए थे उन्हें ये भी नहीं पता था कि वो किसके खिलाफ विरोध कर रहे थे। इंडिया टीवी की रिपोर्ट भी इसी बात का संकेत देती है। लोगों को इस मुद्दे के बारे में शून्य भी नहीं पता था, बस रट लगाए बैठे थे की नबी की तौहीन नहीं सहेंगे लेकिन तौहीन की किसने इस का कोई जवाब नहीं दे सके । ठीक इसी तरह का नज़ारा नागरिकता संशोधन कानून के बनने पर भी दिखा था। जो आज हो रहा है वो पहले ही कई बार देश देख चुका है।

भारत हमेशा ही आतंकवाद से पीड़ित रहा है। यहां आए दिन आतंकी कुछ-न-कुछ नुकसान पहुंचाने की जुगत में लगे रहते हैं। भारत में इस्लामिक कट्टरता के चलते स्लीपर सेल्स की भी एक बड़ी तादाद हैं। ऐसे में आवश्यकता है कि जिस तरह से पीएम मोदी विश्व के सभी देशों से कट्टरता और आतंकवाद के खिलाफ खड़े होने की बात कर रहे हैं उसी तरह आतंकवाद के खिलाफ देश में भी कड़े कदम उठाए जाए।

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