‘हमारे इलाके से दफा हो जाओ’, चीन को जवाब देने के लिए फिलीपींस ने संभाला समुद्री मोर्चा


चीन की गुंडई से कोई भी अपरिचित नहीं है। जिस प्रकार से एलएसी पर या दक्षिण चीन सागर में चीन ने अन्य देशों के नाक में दम किया हुआ है, उसके कारण अनेक शान्तिप्रिय देशों को चीन के विरुद्ध आक्रामक रुख अपनाना पड़ा है। यहाँ तक की फिलीपींस जैसे देश, जो इस असमंजस में थे कि चीन के विरुद्ध कैसी नीति अपनाएँ, अब वे भी चीन के विरुद्ध आक्रामक रुख अपना रहा है, और चीन का मुक़ाबला करने के लिए उसने समुद्र को ही अपनी रणभूमि के तौर पर चुना है।

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के रिपोर्ट के अनुसार, फिलीपींस चीन के ही तर्ज पर लड़ाकू सेना तैयार कर रहा है, जो चीन की गुंडई का मुकाबला समुद्री क्षेत्रों में करेंगे। रिपोर्ट के अंश अनुसार, ” दक्षिण चीन सागर में व्याप्त तनातनी के बीच फिलीपींस के रक्षा अफसरों ने घोषणा की है कि फिलीपींस चीन के तर्ज पर अपनी समुद्री लड़ाकू सेना तैयार करने पर विचार कर रहा है, जो चीन द्वारा दक्षिण चीन सागर में की जा रही गुंडई का मुकाबला करेगी। यह सेना मछुआरों और नौसेना के सैनिकों को मिलाकर बनाई जाएगी।”

रिपोर्ट में आगे कहा गया, “फिलीपींस के सैन्य अफसरों का कहना है कि यह समुद्री लड़ाकू सेना आर्मी द्वारा संचालित CAFGU अथवा Citizens Armed Forces Geographical Unit पर आधारित होगी, जिसे 1987 में कम्युनिस्ट उग्रवादियों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए स्थापित की गई थी, और आज भी यह यूनिट सक्रिय है। फिलीपींस के नौसैनिक वाईस एडमिरल जिओवानी कार्लो बाकोर्डो के अनुसार इस सेना का मूल उद्देश्य चीन की हेकड़ी को ठिकाने लगाना और पश्चिमी फिलीपींस सागर की रक्षा करना है”।

बता दें कि चीन के ‘लिटिल ब्लू मेन’ कहे जाने वाले नौसैनिके गुंडे अनेकों नौकाओं सहित दक्षिण चीन सागर में गुंडई करते पाए जाते हैं। SCMP की रिपोर्ट के अनुसार, “ये सेना उन क्षेत्रों का दौरा करती है और उन नौकाओं या जहाज़ों को परेशान करती या डराती हैं, जो चीन के निर्धारित ‘ समुद्री क्षेत्रों ‘ में घुसपैठ करते हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार चीन की सेना इस प्रकार का ‘Hybrid Warfare’ करने के लिए अत्याधुनिक नौकाओं का उपयोग करती है, ताकि किसी भी नौका से भिड़ने अथवा उसे डराने में आसानी रहे।

लेकिन चीन की इस गुंडागर्दी से दक्षिण चीन सागर के समीप स्थित देश तंग आ चुके हैं, और फिलीपींस भी दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती गुंडई से बेहद क्रोधित है। ऐसे में वह चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है, और समुद्री लड़ाकू सेना तैयार करना इसी दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।

जब वुहान वायरस पूरी दुनिया में पाँव पसार रहा था और अमेरिका ने इसके लिए चीन को आड़े हाथों लेना शुरू किया था, तब फिलीपींस प्रारम्भ में उन चुनिन्दा देशों में शामिल था, जो चीन का समर्थन कर रहे थे। फिलीपींस के राष्ट्राध्यक्ष रोड्रिगो डुटर्ते का चीनी राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग से काफी घनिष्ठ संबंध है, और इसे बनाए रखने के लिए वे अमेरिका से भी दो-दो हाथ करने को तैयार थे।

लेकिन समय बदलते देर नहीं लगती, और जल्द ही चीन की असलियत फिलीपींस को समझ आने लगी। इसके अलावा पार्सेल द्वीप समूह (जिस पर चीन, वियतनाम और फिलीपींस तीनों दावा करते हैं) को अपनी ढाल बनाकर चीन ने वियतनाम और फिलीपींस के समुद्री क्षेत्र में घुसपैठ करनी शुरू कर दी। ऐसे में चीन का सामना करने से कतरा रहे Duterte  से भी नहीं रहा गया और उनके नेतृत्व में फिलीपींस ने चीन के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया।

सीएनएन की रिपोर्ट के एक अंश अनुसार, फिलीपींस के विदेश सचिव तियोडोरो लॉक्सिन ने चीन को दक्षिण चीनी सागर में मिसाइल चलाने के लिए कड़ी चेतावनी देते हुए  कहा, “मामला बड़ा दिलचस्प है। अभी तो चीन ने हमारे क्षेत्र में घुसपैठ नहीं की हैलेकिन मैंने चेतावनी दी है कि चीन के एक गलत कदम से उनका सर्वनाश होना तय है। हमें पता है कि इसके परिणाम क्या हो सकते हैंपर हम इससे डरने वाले नहीं है। स्थिति तो यह हो गई कि Duterte ने चीन को उसकी औकात बताने के लिए भारत की सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस खरीदने की इच्छा भी जताई।

अब जिस प्रकार से फिलीपींस ने चीन को उसी की भाषा में जवाब देने के लिए अपनी लड़ाकू सेना तैयार की है, उससे यह स्पष्ट होता है कि अब चीन की किसी भी गीदड़-भभकी को फिलीपींस हल्के में नहीं लेगा, और हर हमले का मुंहतोड़ जवाब भी दिया जाएगा। ऐसे में ये निर्णय अनेक मोर्चों पर लड़ रहे चीन के लिए बिलकुल भी शुभ संकेत नहीं है।

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