‘आतंकवाद का समर्थन कभी नहीं’, भारत कट्टरपंथी इस्लाम के खिलाफ खुलकर फ्रांस के समर्थन में आ गया है


बीते दिनों फ्रांस में 18 साल के एक खूंखार आतंकवादी ने एक अध्यापक की गला रेतकर हत्या कर दी थी, जिसके बाद फ्रांस में राष्ट्रपति Emmanuel Macron ने कट्टरपंथी इस्लाम के खिलाफ़ लड़ाई छेड़ दी है। Macron ने अपने एक बयान में यह तक कह डाला था कि वे Prophet Mohammad के कार्टून का त्याग नहीं करेंगे, जिसके बाद दुनियाभर के मुस्लिम देशों और खासकर तुर्की और पाकिस्तान जैसे देशों में फ्रांस का भारी विरोध देखने को मिल रहा है। इसी बीच अब फ्रांस और तुर्की की लड़ाई में भारत भी कूद पड़ा है और उसने खुलकर राष्ट्रपति Macron का समर्थन किया है। कल भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में ना सिर्फ राष्ट्रपति Macron का भरपूर समर्थन किया गया बल्कि फ्रांस में हुई वारदात को एक “आतंकी घटना” कहकर संबोधित भी किया गया।

बता दें कि कट्टरपंथी इस्लाम के खिलाफ लड़ाई छेड़ने के लिए Emmanuel Macron को इमरान खान और एर्दोगन जैसे नेताओं द्वारा लगातार निशाने पर लिया जा रहा था। इमरान खान ने जहां अपने ज्वलनशील ट्वीट्स दागकर Macron पर मुस्लिमों को बांटने और उन्हें भड़काने का आरोप लगाया, तो वहीं तुर्की के राष्ट्रपति ने एक कदम आगे बढ़ते हुए Macron को दिमागी तौर पर पागल घोषित कर डाला था। एर्दोगन ने अपने बयान में कहा था “मैक्रों को इस्लाम और मुसलमानों के साथ व्यक्तिगत रूप से क्या समस्या है? मैक्रों को मेंटल ट्रीटमेंट की जरुरत है।” एर्दोगन के इस बेहूदा बयान के बाद अब नई दिल्ली ने खुलकर एर्दोगन की निंदा की है और फ्रांस की सरकार को अपना समर्थन जताया है।

बुधवार को भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में लिखा गया “अंतरराष्ट्रीय वाद-विवाद के सबसे बुनियादी मानकों के उल्लंघन के मामले में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के ख़िलाफ़ अस्वीकार्य भाषा में व्यक्तिगत हमलों की हम निंदा करते हैं। हम साथ ही भयानक तरीक़े से क्रूर आतंकवादी हमले में फ़्रांसीसी शिक्षक की जान लिए जाने की भी निंदा करते हैं। हम उनके परिवार और फ्रांस के लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं। किसी भी कारण से या किसी भी परिस्थिति में आतंकवाद के समर्थन का कोई औचित्य नहीं है।”

भारत द्वारा फ्रांस का समर्थन जताने के बाद फ्रांस सरकार ने भारत सरकार का धन्यवाद भी किया। नई दिल्ली में तैनात फ्रांस के राजदूत Emmanuel Lenain ने ट्वीट कर लिखा “धन्यवाद भारत! आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और फ्रांस हमेशा एक दूसरे को एक साथ खड़ा पाएंगे।”

भारत द्वारा जारी किए गए बयान में दो बातें गौर करने वाली हैं। एक तो यह है कि भारत ने एर्दोगन की अस्वीकार्य भाषा की निंदा करते हुए खुलकर फ्रांस की सरकार का समर्थन किया, और दूसरा यह है कि भारत ने शिक्षक की हत्या की घटना को आतंकी घटना करार दिया, जो बेशक कट्टरपंथी मुस्लिम गैंग को पसंद नहीं आया होगा!

भारत अक्सर ऐसे संवेदनशील मुद्दों और विवादों से दूर ही रहता आया है, लेकिन एर्दोगन और Macron के विवाद में कूदकर भारत ने ना सिर्फ फ्रांस के प्रति अपनी गहरी दोस्ती जताई है, बल्कि भारत के खिलाफ बयानबाजी करने वाले एर्दोगन को भी उनकी जगह दिखाने का काम किया है। भारत दुनिया में एक बड़ी ताकत की भूमिका निभाना चाहता है और यही कारण है कि अब भारत ने इस मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रखी है। भारत की बदलती और ज़्यादा सक्रिय होती विदेश नीति का इससे बड़ा उदाहरण और कोई हो नहीं सकता है।

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