हाथरस कांड के आरोपियों ने एसपी को लिखा पत्र, लड़की की मौत पर उसके मां—भाई पर लगाया यह आरोप

 लखनऊ। हाथरस कांड में अब नया मोड़ आता दिख रहा है। एक तरफ पीड़ित परिवार किसी तरह की जांच से बचने की कोशिश कर रहा है वहीं आरोपी पक्ष हर की जांच कराने को तैयार है। इतना ही नहीं इस मामले में गिरफ्तार सभी चारों आरोपियों ने पुलिस अधीक्षक को चिट्ठी लिखकर खुद को बेकसूर बताया है। चिट्ठी में इन लोगों ने माना है कि आरोपियों की पीड़िता के साथ दोस्ती थी। इन लोगों की आपस में बातचीत भी होती थी। लड़की की पिटाई इन लोगों ने नहीं बल्कि उसकी मां और भाई ने की थी। लड़की की मौत से इन लोगों का कोई लेना देना नहीं है। चिट्ठी में गिरफ्तार किए गए चारों आरोपियों संदीप, रामू, रवि और लवकुश के हस्ताक्षर और उनके अंगूठे के निशान भी हैं।

गौरतलब है कि आरोपियों ने चिट्ठी में लिखा है कि उनकी लड़की से दोस्ती थी। फोन पर बातें भी होती थी। इसी के चलते उस दिन उसके मां और भाई ने उसकी पिटाई की थी। इन लोगों का कहना है कि ये लोग बाद में पहुंचे थे। पीड़ित लड़की को पानी भी पिलाया था, लेकिन इस मामले में उल्टा उन्हें ही फंसा दिया गया। आरोपियों ने यूपी पुलिस से मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।

उधर पीड़ित पक्ष इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि जिला प्रशासन ने उन्हें उनके घर में कैद कर रखा है। उन्हें इस कैद से निजात दिलाई जाए। घर से बाहर निकलने दिया जाए और साथ ही लोगों से मिलने भी दिया जाए। दायर इस याचिका में पीड़ित परिवार का नेतृत्व वाल्मीकि समाज के लिए काम करने वाला एक संगठन कर रहा है। बता दें कि पीड़िता के पिता, मां, दो भाई और दो अन्य परिजन की तरफ से याचिका दायर की है। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि 29 और 30 सितंबर को जिला प्रशासन ने याचिकाकर्ताओं को उनके घर में अवैध तरीके से नजरबंद कर दिया। इस दौरान उन्हें किसी से मिलने भी नहीं दिया गया। बाद में कुछ लोगों को उनसे मिलने की छूट दी गई, लेकिन अभी भी जिला प्रशासन उन लोगों को उनकी इच्छा से घर से बाहर नहीं निकलने दे रहे हैं।

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