एनिवर्सरी स्पेशल: गौरी को पाने के लिए नाम, धर्म और अपना शहर सब कुछ छोड़ा दिया था शाहरूख ने

जिस ग्लैमर वर्ल्ड में शादी ब्याह जैसे रिश्ते का सालों तक टिकना बेहद मुश्किल होता है, उसी इडंस्ट्री में शाहरूख खान और गौरी पर सुपरकपल के रूप में सालों से राज कर रहे हैं... शाहरूख और गौरी के रिश्ते की डोर आज भी उतनी ही मजबूत है, जितनी कि आज से 29 साल पहले। जी हां, आज शाहरूख खान और गौरी की शादी के 29 साल पुरे हो गए हैं और इस खास मौके पर फैंस के लिए हम शाहरूख और गौरी की इंटरेस्टिंग लवस्टोरी लाए हैं।
असल में शाहरूख और गौरी की रिश्ते की नींव ही अटूट प्यार थी जिसके बदौलत सालों पहले उन्होने जमाने से जंग लड़ी और एक दूसरे के हो गए। दरअसल, शाहरूख और गौरी को एक दूजे का होने के लए काफी पापड़ बेलने पड़े हैं... यहां तक कि शाहरूख को तो गौरी को पाने के लिए नाम, धर्म और अपना शहर सब कुछ छोड़ना पड़ा था। चलिए आपको शाहरूख और गौरी की ये लवस्टोरी शुरू से बताते हैं...
दरअसल, शाहरूख और गौरी की पहली मुलाकात साल 1984 में एक कॉमन फ्रेंड के जरिए एक पार्टी हुई थी, तभी शाहरुख की उम्र सिर्फ 18 साल थी। पार्टी में गौरी एक दूसरे लड़के के साथ डांस कर रही थी और गौरी को डांस करते देख शाहरुख जैसे पहली ही नजर में उन्हें अपना दिल दें बैठें। इसके बाद किसी तरह शाहरुख ने हिम्मत जुटा कर गौरी को डांस करने के लिए ऑफर किया पर गौरी ने उनका ये प्रपोजल ये कहकर रिजेक्ट कर दिया, कि वो अपने बॉयफ्रेंड का इंतजार कर रही हैं।
ऐसे में ये बात सुन शाहरुख उदास हो गए, हालांकि गौरी ने झूठ कहा था,क्योंकि वो उस पार्टी में जिस लड़के के साथ डांस कर रही थी वो उनका भाई था। पर जब ये बात शाहरुख को मालूम चली तो उन्होंने वापस जाकर गौरी को डांस के लिए ऑफर किया और कहा कि मुझे भी अपना भाई समझो। जी हां, ये तो हम सब जानते हैं कि शाहरूख का सेंस ऑफ ह्यूमर कमाल का है और इसी सेंस ऑफ ह्यूमर ने गौरी को भी इम्प्रेस कर दिया और उनको शाहरुख का ये कॉन्फिडेंस और स्टाइल काफी पसंद आया।
यहां ये चल पड़ी दोनो के प्यार की गाड़ी पर जैसा कि हर रिश्ते में कुछ आपसी दिक्कते होती हैं जैसे कि एक दूसरे की कुछ आदतें पसंद ना आना... शाहरूख और गौरी के रिश्ते में भी ऐसी दिक्कते पेश आईं। असल में शाहरूख गौरी के लिए थोड़े पजेसिव थे... वे गौरी को खूले बाल रखने या फिर अकेले में किसी लड़के से बात नहीं करने देते थे। ऐसे में गौरी को शाहरुख का ये नेचर बिलकुल पसंद नहीं था। ऐसे में कई बार उन दोनो के बीच इसके लिए लड़ाईय़ां भी हुई और इसी के चलते एक बार तो गौरी शाहरूख को छोड़कर मुबंई अपने किसी रिश्तेदार के पास चली गई। तभी शाहरुख को ये समझ में आ गया कि वो गौरी के बिना नहीं रह सकते।
ऐसे में शाहरूख ने ये बात अपनी अम्मी को बताई तो उनकी अम्मी ने उन्हें कुछ पैसे देकर गौरी को लाने के लिए मुबंई भेजा था। वहां जाकर शाहरुख ने पागलों की तरह गौरी को ढूढा और फिर काफी दिनों बाद गौरी उन्हें बीच पर मिली जहां दोनों एक दूसरे को देखकर इमोशनल हो गए और फिर गले लगाकर खूब रोये। यहीं तभी दोनों ने शादी करने का फैसला लिया।
पर असली परेशानी तो अब शुरू हुई... दरअसल, दोनो का धर्म अलग-अलगा था और शाहरुख मुस्लिम और गौरी हिंदू ब्राह्मण परिवार से थीं। ऐसे में गौरी के पिता कभी मानने वाले नहीं थे,वहीं शाहरुख तभी फिल्मों में करियर बनाने के लिए के लिए स्ट्रगल कर रहे थे।
ऐसे में शाहरुख ने एक तरकीब निकाली और शाहरुख ने गौरी के पैरेंट्स को इंप्रेस करने के लिए पांच साल तक हिंदू होने का नाटक किया। यहां तक कि उन्होंने अपना नाम भी बदल लिया। फिर आखिरकार शाहरुख, शादी के लिए गौरी के पैरेंट्स को इंप्रेस करने में कामयाब हुए और 25 अक्टूबर 1991 में दोनों की शादी हुई।
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