भारतीय Apps के लिए आज सबसे बड़ी बाधा बना गूगल, सभी बड़े App गूगल की तानाशाही के खिलाफ हुए एकजुट

 


गूगल हमेशा ये दावा करता है कि भारतीय स्टार्ट-अप्स को आगे बढ़ाने में उसने एक बड़ी भूमिका निभाई है लेकिन अब वो अपने ही सारे दावों को विरोधाभासी बना रहा है क्योंकि अपनी नीतियों के उल्लंघन के नाम पर अब वो भारतीय स्टार्ट-अप एप्स पर लगातार कार्रवाइयां कर रहा है जिससे पेटीएम जैसी बड़ी कंपनियों को बहुत नुकसान हो रहा है और इसके चलते अब वो गूगल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई जैसे कदम उठा रही है। गूगल उन पर अनैतिक गतिविधियों का आरोप लगा रहा है जो दिखाता है कि एक समय पर भारतीय स्टार्ट-अप के लिए फायदेमंद साबित होने वाला गूगल अब उनको ठप करने के लिए तेजी से काम कर रहा है ।

गूगल द्वारा नीतियों के विरोध के नाम पर लगातार स्टार्ट-अप एप्स पर कार्रवाई हो रही है। हाल ही में भारतीय पेमेंट स्टार्ट-अप एप्स द्वारा पेमेंट कमीशन को 30 प्रतिशत तक बढ़ाए जाने को लेकर गूगल काफी खफा हो गया था जिसके बाद लगातार ऐसे की एप्स पर गूगल ने कार्रवाई की है। यही नहीं कुछ दिनों पहले ही गूगल ने पेटीएम जैसी भारत की एक बड़ी पेमेंट ऐप को भी गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया था। हालांकि, वो ऐप कुछ घंटों बाद वापस आ गया था लेकिन इस पूरे मामले के बाद बड़ा हंगामा हुआ था।

विरोध की आग

गूगल की इन कार्रवाइयों के खिलाफ अब भारतीय स्टार्ट-अप कंपनियां एकजुट हो गई हैं और इसके लिए ये लोग मिलकर एक नया स्टार्ट-अप एसोसिएशन बना चुके हैं। जिससे एकजुटता के साथ सरकार तक अपनी आवाज उठाई जा सके। इंडिया मार्ट के सीईओ दिनेश अग्रवाल ने कहा कि ये यकीनन बड़ी लड़ाई है और इस लड़ाई में हार गूगल की ही होगी। पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने कहा, अगर हम इस वक्त एक साथ नहीं आए तो इतिहास हमें कभी माफ नहीं करेगा।  इस पूरे मामले को लेकर एक वर्चुअल बैठक के जरिए पेटीएम समेत भारत मैट्रूमनी, अपग्रैड, ड्रीम इलेवन जैसी देश के बड़ी स्टार्ट-अप कंपनियों के सीईओ ने सरकार से गूगल के खिलाफ अपनी आपत्ति जाहिर की  है। पेटीएम ने अस्थिरताओं को लेकर यूजर्स की चिंताओं को देखते हुए एक नया ऐप स्टोर लॉन्च करने की बात कह दी है जिसमें सभी तरह के भारतीय स्टार्ट-अप एप्स को लिस्ट किया जा सकेगा। मुख्य बात ये भी है कि इन एप्स की लिस्टिंग को लेकर पेटीएम कोई चार्ज नहीं लेगा।

भारत में सबसे ज्यादा एन्ड्रॉयड एप्स का प्रयोग किया जाता है। पेमेंट एप्स में भी गूगल के एन्ड्रॉयड एप्स का ही प्रयोग किया जाता  है। गौरतलब है कि गूगल पर पहले से ही अविश्वास को लेकर एक केस चल रहा है जिसमें उस पर लगातार एन्ड्रॉयड प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग करने  के आरोप लगे हैं । इसके विपरीत गूगल इन सभी बातों को नकारता रहा है।

अस्थिरता की स्थिति

दरअसल, गूगल ने जब से पेटीएम को कुछ घंटों के लिए प्ले स्टोर से बाहर किया है तब से  भारत में पेमेंट एप्स को लेकर अस्थिरता की स्थिति बनने लगी है और इसी के चलते लोग अपने पैसै सुरक्षित करने के लिए पैसा भी निकाल रहे हैं और ये इन सभी एप्स के लिए एक नई मुसीबत का सबब है।

स्टार्ट-अप्स के लिए मुसीबत

Google लेकर अब ये कहा जाने लगा है कि वो भारतीय स्टार्ट अप विरोधी काम करने लगा है और ऐसे एप्स पर Google की पॉलिसी के नाम पर पाबंदियां थोप रहा है। जानकारों का तो ये भी मानना है कि Google  अपनी पेमेंट एप्स को प्रमोट करने के लिए अपनी नीतियों के उल्लंघन के नाम पर भारतीय एप्स को निशाना बना रहा है जिससे उसका मार्केट बढ़ सके। भारतीय स्टार्ट-अप्स को जिस तरह से Google  अपना निशाना बना रही है वो दिखाता है कि वो किस तरह से भारत के इस मार्केट की कमर तोड़ने को आमादा है जिसके खिलाफ होता विरोध लाजमी है और इस पर सरकार को सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है।   

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