विश्व खाद्य दिवसः दुनिया के 80 करोड़ लोगों को आख़िर क्यों नहीं मिलता खाना?

विश्व खाद्य दिवस आज पूरी दुनियाभर में मनाया जा रहा है। इस मौक़े पर दुनिया के सभी देश भुखमरी से जूझ रहे लोगों के प्रति अपनी चिंता साझा करते हैं और उसका विश्लेषण करते हुए इस प्रतिबद्धता के साथ कि दुनिया में सभी को कैसे भोजन मिले चर्चा करते हैं और योजना बनाते हैं। वासत्व में विश्व खाद्य दिवस को मनाये जाने का ध्येय भी यही है, क्योंकि अपने आप में ये एक भारी चिन्ता का नि,य है कि दुनियाभर के देशों में हज़ार लाख नहीं बल्कि 80 करोड़ की आबादी भुखमरी की शिकार है।
जी हाँ, आपको बता दें कि दुनिया में पाँच साल से कम उम्र के क़रीब 70 करोड़ बच्चों में एक तिहाई या तो कुपोषित हैं या तो फिर वे मोटापे से जूझ रहे हैं। इसके चलते उन पर जीवन पर्यन्त स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त रहने का ख़तरा मंडराता रहा है। इससे पूरी दुनिया चिंतित है।
ये चिंता बीते मंगलवार को तब और बढ़ गयी जब संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में इस बात का ख़ुलासा हुआ कि दुनिया में 80 करोड़ से भी ज़्यादा आबादी भुखमरी से पीड़ित है। ऐसे में पूरी दुनिया इस सोच में पड़ गयी कि आख़िर दुनिया के इन 80 करोड़ लोगों को आख़िर क्यों नहीं मिलता खाना?
आपको बता दें कि दुनिया में हर साल 40 फीसदी खाना बर्बाद होता है। बात करें भारत की तो ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत इस बार और नीचे गिरकर 103वें रैंक पर आ गया है। यह दुर्भाग्य इसलिए भी है, क्योंकि दुनिया के केवल 119 देश ही हैं। यक़ीनन साल दर साल आयी ये गिरावट काफी चिंताजनक है।

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