निकिता तोमर मामला -आरोपी तौसीफ बीते 2 वर्षों से निकिता के पीछे था, कांग्रेस के साथ कनेक्शन ने उसे हर बार बचाया

 


हरियाणा के बल्लभगढ़ में हुई निकिता की ह्त्या को लेकर एक नया मोड़ सामने आ गया है। निकिता के परिजनों ने बताया है कि आरोपी तौसीफ पहले भी निकिता को कई बार परेशान कर चुका था और इसके लिए उन्होंने पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई थी लेकिन उसके कई रिश्तेदार कांग्रेस में हैं और वे विधायक से लेकर मंत्री तक रह चुके थे जिसके चलते 2018 में ये मामला रफा-दफा हो गया था। लव जिहाद वाले मामले ने कांग्रेस को आइना दिखा दिया है कि वो जिस मुद्दे को मात्र दक्षिणपंथ का एजेंडा मानती है उसके अपने ही कुनबे द्वारा इसी तरह के लव जिहाद वाले अपराध को अंजाम दिया जा रहा है।

दरअसल, हरियाणा के बल्लभगढ़ में युवती निकिता की जिस आरोपी तौसीफ ने गोली मारकर दी थी वो गिरफ्तार तो हो चुका है लेकिन अब इस मामले में एक नया मोड़ आया है कि 2018 में भी तौसीफ ने निकिता का अपहरण करने की कोशिश की थी। वो आए दिन निकिता को धमकाता रहता था जिसके चलते निकिता के परिजनों ने उसकी शिकायत पुलिस से करने की कोशिश की थी लेकिन पंचायत के कारण ये संभव न हो सका।

शिकायत वाले वाक्ये के बाद इसमें कांग्रेस का एंगल सामने आया है। दरअसल ज़ी न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक तौसीफ का परिवार लंबे वक्त से कांग्रेस से जुड़ा है। तौसीफ के दादा खुर्शीद अहमद कांग्रेस से विधायक और राज्य की कैबिनेट में मंत्री पद पर रह चुके हैं। वहीं, खुर्शीद के ही एक बेटे आफताब अहमद अभी भी विधायक है। 40-45 साल के इसी राजनीतिक रसूख के चलते 2018 में मामला पंचायत द्वारा दबा दिया गया था। निकिता के परिजनों ने बताया कि उस वक्त मामले को रफा-दफा करने के लिए उन पर लगातार दबाव बनाया जा रहा था इसीलिए पंचायत द्वारा मामला दबा दिया गया और अब वही मामला एक लड़की की मौत का कारण बना है।

राजनीतिक रसूख के चलते पहले अपराध को दबाए जाने के कारण इस शातिर अपराधी की हिम्मत बढ़ गई और उसने इतनी खौफनाक वारदात को अंजाम दे दिया। इस पूरे मामले में लव जिहाद वाला एंगल है जिसके चलते कांग्रेस ने केवल अपराध के नाम पर औपचारिक बयान दे दिया है लेकिन इस केस ने लव जिहाद को केवल एक दक्षिणपंथी एजेंडा बताने वाले कांग्रेस के दावों को खारिज भी कर दिया है।

लव जिहाद के मामले पूरे देश से आ रहे हैं, जिसके चलते देश में लगातार कई राज्य सरकारें कार्रवाई भी कर रही हैं। केरल, महाराष्ट्र, हरियाणा, असम, उत्तर प्रदेश सभी इस लव जिहाद से परेशान हैं।  इसके इतर कांग्रेस इसे यह कहकर खारिज करती रही है कि लव जिहाद केवल दक्षिणपंथ द्वारा चलाया जा रहा है जिसमें मुस्लिमों के प्रति नफरत फैलाई जा रही है। ऐसा लगता है कि कांग्रेस को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि इसके जरिए अपराध कितना बढ़ रहा है, वो इसे केवल राजनीतिक एजेंडे के तहत ही देखती है।

कांग्रेस की अपनी ही थ्योरी है लेकिन निकिता के परिजनों ने इस मामले में बताया है कि किस तरह से तौसीफ लगातार उसे धर्म परिवर्तन करने के लिए धमका रहा था। निकिता उससे कोई रिश्ता नहीं रखना चाहती थी इसके बावजूद वो निकिता का धर्म परिवर्तन करा शादी करना चाहता था और जब वो सफल नहीं हो पाया तो उसे जान से ही मार दिया। पारिवार का कहना है कि अगर उस वक्त पंचायत के दबाव में मामला रफा-दफा न किया जाता तो शायद आज निकिता जिंदा होती।

इस पूरे मामले ने एक तरफ जहां कांग्रेस के लव जिहाद को हवा बताने वाले दावे को सिरे से खारिज कर दिया है, तो दूसरी ओर समाज के लिए ये संदेश भी दिया है कि लव जिहाद जैसे इस मुद्दे पर खुलकर चर्चा होनी चाहिए क्योंकि लव जिहाद आज देश में एक और बड़े खतरनाक अपराध के रूप में उभर रहा है।

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