देश में सात नए आईआईएम, 15 एम्स, 6 आईआईटी और 16 आईआईआईटी बनाए गए: पीएम मोदी

मैसुरू। भारत को उच्च शिक्षा के केंद्र के तौर पर स्थापित करने के लिए हर स्तर का प्रयास जारी है। इसी को केंद्रित करते हुए पिछले छह वर्षों में देश में प्रबंधन, चिकित्सा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में संस्थानों और उनमें सीटों की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी की गई है। उक्त विचार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए मैसूर विश्वविद्यालय के शताब्दी दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए व्यक्त की। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले छह वर्षों में देश में चौतरफा सुधार हुए हैं और बीते कुछ महीनों से इसकी गति और दायरे दोनों को काफी व्यापक बनाया गया है, जिससे 21वीं सदी भारत की हो।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि छह वर्षों के अंदर देश में सात नए भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), 15 अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), हर साल एक नया भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) और 16 नए भारतीय सूचना और प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी) की स्थापना की गई है। इस दौरान उन्होंने कहा, वर्ष 2014 से पहले देश में कुल 13 आईआईएम ही थे। देश में मात्र सात एम्स ही सेवाएं दे रहे थे। वर्ष 2014 के बाद इस दिशा में तेजी से काम किया गया। देश में अब इससे दोगुने मतलब 15 एम्स या तो स्थापित हो चुके हैं या फिर शुरू किए जाने की प्रक्रिया में हैं। उन्होंने कहा कि आज़ादी के इतने वर्षों के बाद भी वर्ष 2014 से पहले तक देश में कुल 16 आईआईटी और नौ आईआईआईटी थे।

पीएम मोदी ने कहा कि देश में चौतरफा सुधार की कोशिश जारी है, इतने सुधार इससे पहले कभी नहीं हुए। पहले अगर कुछ फैसले होते भी थे तो वह क्षेत्र विशेष को ध्यान में रखकर लिए जाते थे। इससे दूसरे क्षेत्र छूट जाते थे। कृषि के क्षेत्र में किए गए सुधारों जैसे शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए लाई गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, मजदूरों के लिए श्रम सुधार समेत अन्य पहलुओ पर चर्चा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ये सुधार इसलिए किए जा रहे है, जिससे यह दशक भारत का दशक बन सके।

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