’10 लाख ले लो चुनाव मत लड़ो’, दिग्विजय सिंह अपनी पार्टी की जीत के लिए दूसरी पार्टी के प्रत्याशियों के सामने गिड़गिड़ा रहे हैं

 


मध्य प्रदेश में विधानसभा के महत्वपूर्ण चुनाव होने वाले हैं। इसको लेकर चुनाव प्रचार भी जारी हैं लेकिन इसमें सबसे बुरी स्थिति कांग्रेस की है। उसकी ये नौबत अपना कुनबा टूटने के बाद ही आई है। कांग्रेस मध्य प्रदेश में अपना घर नहीं संभाल पाई उसकी वजह उसके ही नेता कमलनाथ और दिग्विजय सिंह थे। अब वही दिग्विजय ही सपा के उम्मीदवार को उम्मीदवारी वापस लेने के लिए आकर्षक प्रस्ताव दे रहे हैं जिससे काग्रेस की फजीहत एक बार फिर शुरु हो गई है। कांग्रेस नेताओं का रवैया जाहिर करता है कि अब उन्हें अब पार्टी की भद्द पिटाने में ही मजा आता है और वो इसी कड़ी में नेहरू-गांधी परिवार की विरासत की जड़े कमजोर कर रहे हैं।

मध्य प्रदेश विधानसभा उपचुनाव को लेकर अधिसूचना जारी हो चुकी है। सभी पार्टियों के प्रत्याशी जोर-शोर से प्रचार करने में जुटे हुए हैं। इसी बीच कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह का एक ऑडियो वायरल हुआ है जिसमें वो समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रौशन मिर्जा से कह रहे हैं कि वो विधानसभा के इन चुनावों से अपनी उम्मीदवारी वापस ले लें और इसके बदले उन्हें कांग्रेस की तरफ से पार्षदी का टिकट दिया जाएगा।

इन बातों को सार्वजनिक करते हुए सपा नेता रौशन खुद मीडिया के सामने आए हैं। उन्होंने कहा, “मेरे पास कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह का फोन आया था, उन्होंने मेरे लिए उपचुनाव में उम्मीदवारी छोड़ने पर पार्षदी का टिकट देने की बात कही है।” इसके साथ रौशन ने कांग्रेस के ही एक और नेता असलम पर भी आरोप लगाया कि उम्मीदवारी वापस लेने के लिए असलम द्वारा दस लाख रुपए देने की बात कही गई थी। सपा नेता ने इस मामले की पूरी जानकारी आलाकमान को दे दी है।

इस मुद्दे पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि इस तरह के खरीदने वाले आरोप हमेशा कांग्रेस हम (बीजेपी) पर लगाती थी लेकिन अब साबित हो गया है कि कौन क्या खरीद-बेच रहा है। वहीं, कांग्रेस नेता केके मिश्रा का कहना है कि किसी को उम्मीदवारी छोड़ने और समर्थन देने के लिए प्रस्ताव देना गलत तो नहीं है, इस मामले को बेवजह ही तूल दिया जा रहा है।

कांग्रेस इस मामले पर अब लीपापोती में जुट गई है लेकिन असलियत ये है कि कांग्रेस के अपने ही नेता उसकी नैया डुबाने में लगे हैं। जो दिखाता है कि वो अब सत्ता से बाहर होने पर कितने असहज हो रहे हैं, इसीलिए इस तरह के भद्दे और निम्न स्तर के काम कर रहे हैं जिससे पार्टी की बेइज्ज़ती हो रही हैं। मध्य प्रदेश में जो कांग्रेस एक वक्त भाजपा पर विधायक खरीदने का आरोप लगाती थी उस कांग्रेस की स्थिति आज इतनी बुरी हो गई है कि वो उम्मीदवार खरीदने पर उतर आई है जिसकी अभी जीतने की संभावनाएं ही शून्य हैं।

राज्य में बीजेपी नेता इमरती देवी को पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता कमलनाथ द्वारा आइटम बोलने के बाद महिला शक्ति के नाम पर बीजेपी ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। विश्लेषकों द्वारा यही वजह मानी जा रही है कि इन उपचुनावों में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की प्रस्तावित रैलियां और रोड शो रद्द हो गए हैं। मध्य प्रदेश में अहम चुनावों के बावजूद आलाकमान द्वारा कमलनाथ और दिग्गी को कोई सपोर्ट नहीं मिल रहा है। चुनाव की सारी तैयारियां भी अब एमपी कांग्रेस में यही लोग कर रहे हैं क्योंकि राज्य में कांग्रेस की नैया डुबाने का काम भी इन्हीं लोगों ने किया था।

चुनाव में हार हो या जीत, लेकिन कांग्रेस के नेता जिस प्रकार की हरकतें कर रहे हैं वो बताती हैं कि कांग्रेस की हालत राज्य समेत पूरे देश में कितनी खराब हो चुकी है। इससे इतर रही सही कसर ये अभद्र नेता पूरी कर रहे हैं जिससे कांग्रेस का ये डूबता हुआ जहाज जल्द ही रसातल में समा जाए।

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