मशहूर बैंकर उदय कोटक का अनुमान, अगले 10 सालों में भारतीय अर्थव्यवस्था छूएगी आसमान


एशिया के सबसे अमीर बैंकर उदय कोटक ने विदेशी निवेशकों को भारत के डिजिटल सेक्टर से लेकर उपभोक्ता क्षेत्र की कंपनियों में निवेश करने की सलाह दी है और इसका कारण कोरोना वायरस महामारी के कारण व्यवसायों में आए आकर्षण को बताया है।

दरअसल, जब से IMF ने भारत के GDP को लेकर आंकड़े पेश किए हैं तब से ही लोग कई प्रकार से आकलन कर रहे हैं। कोई इसे भयानक स्थिति बता रहा है तो कोई आशावादी बातें कर रहा। परंतु उदय कोटक ने भारत की अर्थव्यवस्था और निवेश पर बेहद सटीक विश्लेषण किया है। उन्होंने बताया है कि आने वाला समय भारत के लिए इन्वेस्टमेंट का सबसे बढ़िया अवसर है क्योंकि कोरोना के कारण कई क्षेत्र बूम करने वाले हैं या कर चुके हैं।

जब भी कुछ चैलेंजिंग होता है तो उस वक़्त भारत में निवेश करना सबसे लाभ का काम होता है। तब सबसे ज़्यादा मुनाफा होता है। भारत को कोरोना वायरस महामारी के दौरान पिछले कुछ महीनों में 20 बिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ है,जबकि दुनिया भर के व्यवसायों पर कोरोना का प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।

कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक उदय कोटक ने ब्लूमबर्ग इंडिया इकोनॉमिक समिट में कार्ली ग्रुप इंक के सह-संस्थापक डेविड रुबेनस्टीन के साथ बातचीत में कहा, “मेरा मानना है कि आपको हमेशा, चैलेंजिंग स्थिति होने पर भारत में निवेश करना अच्छा है।यह काम के लिए पैसा लगाने का सबसे अच्छा समय है।”

उन्होंनें कहा कि भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या आधे-अरब के करीब हो चुकी हैं और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। इसकी बढ़ती संख्या के साथ विदेशी निवेशक ई-कॉमर्स से लेकर डिजिटल पेमेंट के क्षेत्र में स्थापित भारतीय कंपनियों में पैसा लगा रहे थे। यह ठीक उसी तरह है जैसा चीन के डिजिटल बूम के शुरुआती दिनों में था। इस वर्ष इस क्षेत्र का महत्व और बढ़ गया है क्योंकि COVID -19 महामारी ने दक्षिण एशियाई राष्ट्र को मार्च के अंत में दुनिया के सबसे बड़े लॉकडाउन के लिए मजबूर किया।

इन क्षेत्रों में ही चीन के शुरुआती विकास के दौरान निवेश हुए थे जिसके कारण चीन इकोनॉमिक रूप से इतना बेहतर हो पाया था। उदय कोटक ने कहा कि भारत में निवेश करने के लिए सबसे सही सेक्टर डिजिटल कंपनी, ई-कॉमर्स, टेक्नोलॉजी कंपनी, फार्मा और कंज्यूमर सेगमेंट की कंपनियां शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हेल्थ सेक्टर पहले से ही निवेश में वृद्धि देख रहा है।

उदाहरण के तौर पर देखा जाए तो एशिया के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी इसकी एक मिसाल है। उन्होंने  इस साल 20 बिलियन डॉलर से अधिक की कमाई की और अपने टेक्नोलॉजी वेंचर जियो प्लेटफार्म लि. में 33% हिस्सा फेसबुक इंक और गूगल सहित अन्य निवेशकों को बेच दिया। उनकी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड ने पिछले दो महीनों में निजी इक्विटी और सॉवरेन वेल्थ फंडों से 5.1 बिलियन डॉलर की रकम जुटाई है। यानि स्पष्ट है कि विदेशी निवेशक जैसे गूगल और फेसबुक दोनों भारत में ई-कॉमर्स क्षेत्र के भविष्य की ओर देख कर निवेश कर रहे हैं।

वहीं निजी क्षेत्र के बैंकों का भी मार्केट शेयर बढ़ा है। निजी बैंकों का सरकारी क्षेत्र के बैंक की तुलना में तेजी से ऋण बढ़ रहा जिससे बाजार में उनकी हिस्सेदारी बढ़ रही है।

सरकारी क्षेत्र के बैंक लोन देना नहीं चाह रहे हैं और निजी क्षेत्र के बैंक यहीं बाजी मार रहे हैं। RBI के आंकड़ों के अनुसार निजी बैंकों की ऋण देने में वार्षिक 11.3% की वृद्धि देखने को मिली जो कि सरकारी बैंकों की तुलना में तीन गुना से भी अधिक हैं। उदय कोटक ने कहा कि भारत में निजी बैंकों की बाजार हिस्सेदारी आनेवाले समय में बढ़कर 50 पर्सेंट हो जाएगी जो इस समय 35 पर्सेंट है। पिछले साल निजी बैंकों के शेयरों में 20 पर्सेंट की गिरावट आई थी जबकि सरकारी बैंकों के शेयरों में 41 पर्सेंट की गिरावट आई थी। उनका मानना है कि भारत का बैंकिंग सैक्टर अभी ऐसे स्वरूप है जहां से एक बड़ा संरचनात्मक बदलाव आने वाला है और यही समय है, निवेश करने का।

वहीं प्राइवेट इक्विटी कार्लाइल के रूबेनस्टीन ने कहा कि अगले दस वर्षों में अमेरिका के बाहर दुनिया में निवेश करने के लिए सबसे अच्छी जगह निश्चित रूप से भारत और चीन होगी। हालांकि, भारत के पास चीन की तुलना में बाहर से उतनी पूंजी नहीं थी, लेकिन मुझे लगता है कि अगले दस वर्षों में यह बदल जाएगा और भारत को विदेशी पूंजी के लिए निवेश करने के लिए एक आकर्षक स्थान के रूप में देखा जा रहा है।

आने वाले दस वर्षों में भारत का आर्थिक स्वरूप बदल चुका होगा और आज जिसने निवेश किया, उसे कई गुना मुनाफा मिल सकता है। डिजिटल सेक्टर, ई-कॉमर्स, टेक्नोलॉजी कंपनी, फार्मा या कंज्यूमर सेगमेंट आने वाले 10 वर्षों में ये सभी बूम करने वाले हैं। विकास अब शहर से गाँव की ओर बढ़ रहा है जिसके कारण इन क्षेत्रों में डिमांड की भारी वृद्धि होने वाली है।

अगले 10 साल भारत डिजिटल और तकनीक का उपयोग करते हुए, बाजार के हर क्षेत्र में विकास करेगा। चाहे वह स्थानीय किराना स्टोर हो या दुकान, सब कुछ डिजिटल होने जा रहा है। अगर इन क्षेत्रों में पैसा आएगा तो डिमांड बढ़ेगी जिससे इकोनॉमी के जबरदस्त उछाल के संकेत हैं।संपूर्ण व्यवसायिक पारिस्थिति  तंत्र नई तकनीकों को अपना रहा है जैसे पहले कभी नहीं था – जो न केवल व्यापार में आसान समाधान प्रदान करता है, बल्कि अपने आप में एक बाजार भी है।

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