डॉक्टर को लोग भगवान का दर्जा देते हैं. लेकिन जब यही भगवान अपने मरीजों का फायदा उठाने लगता है तो उसे इंसानियत के नाम पर सिर्फ एक कलंक की तरह देखा जाता है. दरअसल हाल में आए इसी तरह के मामले ने इंसानियत को तार-तार कर दिया है. घटना बिहार के खगड़िया के मैड़या थाना की है, जहां पर एक लालची डॉक्टर ने डिलीवरी कराने आई महिला का पूरा फायदा उठाया और उसके नवजात बच्चे को केवल 3000 रुपए में ले लिया. बच्चे को लेने के बाद डॉक्टर ने कागज पर महिला का अंगूठा भी लगवा लिया.
दरअसल देवरी के रहने वाले चंडिका सिंह अपनी गर्भवती पत्नी की डिलीवरी कराने के लिए पीएचसी रवाना हुए थे. लेकिन उसी दौरान एक बिचौलिया आया और वो दंपती को बहाने से न्यू महिला क्लीनिक में ले गया. लेकिन क्लीनिक पहुंचने से पहले ही महिला ने रास्ते में एक बच्चे को जन्म दिया. जबकि दूसरे बच्चे को महिला ने क्लीनिक में जन्म दिया.
महिला की जैसे ही डिलीवरी हुई उसके बाद महिला डॉक्टर एन. बानो ने फीस के तौर पर 7000 रुपए की डिमांड की. लेकिन गरीब होने के कारण दंपती के पास इतने पैसे नहीं थे कि वो उन्हें फीस के तौर पर दे सके. ऐसे में महिला डॉक्टर ने एक बच्चे की कीमत 10 हजार रूपये लगाई और 3000 रुपए दिए. साथ ही बच्चे को लेकर दंपती से उनका एक कागज पर अंगूठा भी लगवा लिया.
उस दौरान तो महिला चुप रही लेकिन डिलीवरी के दूसरे दिन ही वो अपने पति और बाकी घरवालों के साथ थाने में केस दर्ज करवाने पहुंची.
लेकिन हैरानी वाली बात तो तब हुई जब थानाध्यक्ष रत्नेश कुमार रत्न ने दंपती की एक भी बात पर अमल नहीं किया और अपनी मनमानी करते रहे. लेकिन जब उन्हें लगा कि मामला तेजी पकड़ रहा है तो हरकत में आते हुए वो महिला डॉक्टर के पास पहुंचे और बच्चे को वापस लेकर आए.
फिलहाल इस पूरे मामले पर बयान देते हुए महिला डॉक्टर एन बानो ने कहा कि उन्होंने ऐसा फैसला सिर्फ नवजात बच्चे की हालत को देखते हुए लिया. हालांकि डॉक्टर ने अपने बयान में ये बात भी स्वीकार की कि उन्होंने 10 हजार रुपए में नवजात बच्चे की बोली लगाई थी. लेकिन डॉक्टर की माने तो उन्होंने सिर्फ ऐसा बच्चे को बचाने के लिए किया था.
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