US से संबंध बेहतर करने के लिए पुतिन Democrats से सबसे मलाईदार चुनावी मुद्दा छीनने जा रहे हैं


अमेरिकी चुनाव में रूसी हस्तक्षेप हर बार एक अहम और प्राथमिक मुद्दा रहता है। इस बार भी डेमोक्रेट्स इसको भुनाने की कोशिश में थे। इसी बीच अब डेमोक्रेटिक पार्टी पर एक नया मनोवैज्ञानिक बम गिरा है। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में रूसी हस्तक्षेप के आरोपों पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका से ये आह्वान किया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों से पहले दोनों देशों के बीच गैर-हस्तक्षेप संबंधी समझौते पर सहमति बने। ये समझौता डेमोक्रेट्स के लिए एक तगड़े झटके की तरह होगा।

रूसी राष्ट्रपति के हवाले से रूस के विदेश मंत्री Sergey Lavrov (सर्गेई लावरोव) ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन ने अमेरिका और रूस के बीच ‘पेशेवर विशेषज्ञ वार्ता’ समेत ‘आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप’ न करने की गारंटी जैसे मुद्दों पर समझौता करने की बात कही है। अपने इस एक बयान के जरिए पुतिन ने अमेरिकी चुनावों में मास्को द्वारा होने वाले हस्तक्षेप की अफवाहों को खत्म करने के प्रयास का संकेत दिया है। लोवारोव ने कहा, “डिजिटल माध्यम और सोशल मीडिया के जरिये टकराव दोनों देशों के लिए ही रणनीतिक तौर पर काफी चुनौतीपूर्ण है।”

गौरतलब है कि दोनों देश एक दूसरे पर सोशल मीडिया के जरिए दुष्प्रचार के आरोप लगाते हैं।

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 2020 के आगामी अमेरिकी चुनावों में रूसी हस्तक्षेप के आरोपों को लगातार खारिज करते रहे हैं जिनमें से ज्यादातर आरोप राष्ट्रपति चुनावों में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन ने लगाए हैं। अपने एक बायन में बाइडेन ने रूसी हस्तक्षेप को लेकर कहा, “हम पहले से जानते हैं, मुझे पता है इसलिए मैं गारंटी के साथ उन हस्तक्षेपों की पुष्टि कर सकता हूं मुझे लगातार इस मामले की जानकारी मिल रही है कि रूस हमारे चुनावी प्रक्रिया को बर्बाद करने में काम कर रहा है।”

गौरतलब है कि अमेरिकी चुनावों में बाइडेन चीन से ज्यादा खतरनाक रूस को ही मानते हैं। बाइडेन ने डॉनल्ड ट्रंप को व्लादिमीर पुतिन का पक्षकार बताकर इसे अमेरिकी चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश की है। लेकिन पुतिन इन अफवाहों को खत्म करना चाहते हैं और इस गैर-हस्तक्षेप समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद अमेरिका के साथ आगे बढ़ने को तैयार हैं। गौरतलब है कि पुतिन और ट्रंप के बीच चुनावों से पहले मिलकर बातचीत की संभावनाएं भी हैं। दोनों पुतिन द्वारा दिए समझौते के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर सकते हैं।

चीन अमेरिका के साथ चलने के मुद्दे पर राजी नहीं है फिर भी डेमोक्रेटिक पार्टी चीन को ज्यादा बड़ा खतरा नहीं मानती जो ये दिखाता है कि चीन अमेरिकी चुनावों में डॉनल्ड ट्रंप के खिलाफ षड्यंत्र करता रहेगा। ट्रंप चीन की कम्युनिस्ट पार्टी पर साइबरवॉर का आरोप भी लगाते रहे हैं। रूस गैर-हस्तक्षेप वाले इन समझौतों के जरिए अमेरिका को ये दिखाना चाहता है कि वो अमेरिका और चीन के बीच की जंग में चीन का साथी नहीं है। साथ ही वो द्विपक्षीय मुद्दों को हल करने में कटिबद्ध है। पुतिन ने इस पहल के जरिए खुद को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से अधिक सहज दिखाने की कोशिश भी की है।

पुतिन ये बात अच्छी तरह जानते हैं कि डेमोक्रेट्स इस मुद्दे को जिंदा रखने के लिए कुछ भी करेंगे और आगे भी षड्यंत्र रचेंगे। जबकि ट्रंप से इस मुद्दे पर बात करके ये मुद्दा हमेशा के लिए हल करना उनके लिए फायदेमंद ही होगा। लेकिन पुतिन की पहल डेमोक्रेटिक पार्टी और राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन के लिए एक झटका है क्योंकि रूसी हस्तक्षेप हमेशा ही अमेरिकी चुनाव का सबसे बड़ा और संवेदनशील मुद्दा रहा है।

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