UP पंचायत चुनाव से पहले ग्राम प्रधानों को झटका, आयोग की गाइडलाइन तय करेगी कौन लड़ेगा इलेक्शन

 


उत्तर प्रदेश में साल 2021 के अप्रेल माह में होने वाले त्रिस्तरीय चुनाव को लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही है। इस बीच राज्य निर्वाचन आयोग की ताजा गाइडलाइंस में प्रधानों को बड़ा झटका लगा है। दरअसल बताया जा रहा है कि आगामी पहली अक्तूबर से बूथ लेबल आफिसर (BLO) घर-घर जाकर वोटर लिस्ट की जांच करेंगे। इस दौरान आगरा मंडल के सभी जिलों के 90 फीसदी प्रधान, बीडीसी और जिला पंचायत के सदस्य चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने बताया कि ग्राम प्रधानों द्वारा चुनाव आयोग के नियमों का पालन न करने की वजह से यह किया गया है।हालांकि अभी चुनाव की तारीख की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन हाल ही में जारी हुई यह गाइडलाइंस आगामी चुनाव के लिए बड़ा संकेत हैं। बताया जा रहा है कि चुनावी खर्च जमा न करने के कारण नए उम्मीदवारों को डिबार किया जा सकता है।

राज्य निर्वाचन आयोग के इस फैसले के बाद उम्मीदवार कुछ भी छुपा नहीं सकता। अगर उम्मीदवार ने खर्च छुपाया, तो उसे अगले तीन साल तक चुनाव लडने से डिबार की सजा भुगतनी होगी। इसको देखते हुए चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगों ने सचिवालय में चक्कर काटने शुरू कर दिए हैं।

पंचायती चुनाव से पहले जारी हुई नई गाइडलाइन में कहा गया है जिन प्रधानों, बीडीसी और जिला पंचायत सदस्यों द्वारा चुनाव खर्च का ब्यौरा नहीं दिया गया है। वह चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। इसमें वह लोग भी शामिल हैं जो ये चुनाव लड़े तो थे, लेकिन हार गए थे।

इन लोगों के चुनाव लड़ने से पहले नामांकन फार्म भरते समय इस बात का उल्लेख करना होगा कि पिछले चुनाव में उन्होंने जो खर्च किया था, उसका ब्यौरा संलग्न करना होगा। अन्यथा की स्थिति में उन्हें डिबार घोषित कर दिया जाएगा। एडीएम वित्त एवं राजस्व योगेंद्र कुमार ने बताया कि लगभग 90 फीसदी लोगों के चुनावी खर्च का ब्यौरा नहीं दिया है। इन पर चुनाव लड़ने का संकट आ सकता है।

बता दें कि 1 अक्तूबर से 12 नवम्बर तक बीएलओ घर-घर जाकर वोटर लिस्ट में शामिल वोटरों की गणना और नए वोटरों का सर्वेक्षण करेंगे। इस दौरान अगर किसी का वोटर कार्ड नहीं बना है तो वह पहली अक्तूबर से 5 नवम्बर के बीच sec.up.nic.in ऑनलाइन आावेदन करके वोटर बनवा सकते हैं। इन वोटर लिस्टों का फाइनल ड्राफ्ट 29 दिसम्बर को प्रकाशन किया जाएगा।

मालूम हो कि इसी साल नवंबर-दिसंबर में त्रिस्तरीय चुनाव होने थे, लेकिन कोरोना काल के कारण इसको फिलहाल टाला जा रहा है। अब ये चुनाव अगले साल अप्रैल-मई माह में होने की संभावना है। इसको लेकर उसी तरह से तैयारियां भी की जा रहीं हैं। इस बार नई गाइड लाइन तैयार की जा रही है।

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