लोकल से ग्लोबल ब्रांड Royal Enfield: अब दुनियाभर में है देसी बुलेट की “दुग-दुग” की गूंज!


Royal Enfield, भारत का लोकप्रिय मोटरसाइकल ब्रांड अब दुनियाभर के लोगों की पसंद बनता जा रहा है। जापान के प्रमुख अखबार Nikkei Asian Review की एक रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण पूर्व एशिया में इस बाइक की sales इतनी तेजी से बढ़ रही है कि अब कंपनी ने थाइलैंड में अपनी एक manufacturing यूनिट स्थापित करने का फैसला लिया है।

Royal Enfield के CEO सिद्धार्थ लाल ने 250सीसी से लेकर 750सीसी क्लास बाइक मार्केट में थाइलैंड में नंबर 1 स्थान हासिल करने की उम्मीद जताते हुए कहा “हम अपनी सफलता को अब थाइलैंड में दोहराना चाहते हैं, और इस देश में नंबर 1 स्थान हासिल करना चाहते हैं”।

बता दें कि Royal Enfield ब्रांड की स्थापना वर्ष 1901 में ब्रिटेन में की गयी थी। हालांकि, इस कंपनी की पेरेंट कंपनी 1970 के दशक में बंद हो गयी थी। उसके बाद वर्ष 1994 में Royal Enfield India को Eicher Motors ने खरीद लिया, और उसके बाद कंपनी ने इस ब्रांड का रूप ही बदलकर रख दिया है। पिछले लगभग 25 सालों में इस ब्रांड को भारत में अपार सफलताएँ मिल चुकी हैं।

250-750 CC क्लास मार्केट में आज Royal Enfield भारत की सबसे सफलतम कंपनी है। पिछले कुछ सालों में दक्षिण अमेरिका और दक्षिण पूर्व एशिया में इस बाइक की sales में वृद्धि देखने को मिली है, और इससे प्रेरित होकर कंपनी अब इन क्षेत्रों में manufacturing units भी स्थापित कर रही है। सबसे पहले भारत से बाहर कंपनी ने अर्जेंटिना में अपनी पहली manufacturing unit को स्थापित किया, अब कंपनी थाइलैंड में भी यही करने जा रही है।

थाइलैंड में कंपनी की sales लगभग दोगुनी होकर 3100 के करीब जा पहुंची है। उम्मीद है कि अगले साल यह संख्या 4 हज़ार पार कर जाएगी। थाइलैंड में स्थापित की जा रही manufacturing unit की क्षमता सालाना 4500 से 5000 यूनिट का उत्पादन करने की हो सकती है, और थाइलैंड में सालाना मांग भी इसी संख्या के आसपास रहने वाली है।

अमेरिका की Harley-Davidson, यूरोप की Ducati, और जापान की यामाहा और Honda की तरह भारत की Royal Enfield के followers की अपनी ही अलग कम्यूनिटी बन गयी है। हालांकि, विकसित देशों के ये brands विकासशील देशों के बाज़ारों में अपनी छाप छोड़ने में असफल साबित हो रहे हैं। यहाँ लोग सस्ती दरों पर बेहतर उत्पाद चाहते हैं और भारतीय Auto इंडस्ट्री उन्हें यह सब सुविधा प्रदान कर पा रही है। कंपनी के मुताबिक थाइलैंड में कंपनी की सफलता का यही करण है कि Royal Enfield सस्ते और क्वालिटी में बेहतर उत्पाद बनाकर देता है।

थाइलैंड दक्षिण पूर्व एशिया में Auto इंडस्ट्री का गढ़ बनता जा रहा है, और देश की सरकारों ने देश में ही इस उद्योग के विकास के लिए एक पूरा ecosystem तैयार कर लिया है। इसीलिए Enfield ने भी थाइलैंड को ही अपना ठिकाना चुना है। देश में कंपनी के 36 showrooms हैं और यहीं से कंपनी वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया और इंडोनेशिया जैसे बाज़ारों में भी पहुँच बनाने की कोशिश कर रही है। कंपनी का लक्ष्य उस बाज़ार पर अपनी पकड़ बनाना है जहां अभी तक पश्चिमी ब्राण्ड्स पहुँच नहीं पाये हैं।

भारत में बनी Bikes दुनियाभर में लोकप्रिय हो रही हैं, क्योंकि TVS, Eicher Motors, बजाज, यामाहा और महिंद्रा जैसी कंपनियाँ हर देश के मुताबिक Bikes में बदलाव कर उन्हें क्षेत्रीय बाज़ारों में उपलब्ध कराती हैं। देश की ये कंपनियाँ पीएम मोदी के “लोकल से ग्लोबल” के सपने को भी पूरा करने में अहम योगदान निभा रही हैं। सरकार को भी इन कंपनियों का अधिक से अधिक समर्थन करना चाहिए, ताकि विश्वभर में ये ब्राण्ड्स भारत का नाम और बड़ा कर सकें।

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