![bihar election_RJD](https://upvartanews.com/wp-content/uploads/2020/09/bihar-election_RJD-1-1-696x390.jpg)
इससे पहले की बिहार में चुनावी बिगुज बजे राजद में कुछ ऐसा हो गया है कि यह लालू प्रसाद यादव को मंजूर नहीं है। राजद के स्थापना काल से लालू के साथ रिश्ता निभाने वाले रघुवंश प्रसाद सिंह ने राजद को अब अलविदा कह दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा पत्र पार्टी को सौंप दिया। लेकिन इस पत्र पर एतराज जताते हुए इस नामंजूर कर दिया गया, लेकिन रघुवंश के करीबियों का कहना है कि रघुवंश का पार्टी में फिर शामिल होना संभंव नहीं है। याद दिला दें कि राजद में रमा सहित तेजप्रताप की उस टिप्पणी, जिसमें उन्होंने रघुवंश को राजद में एक लोटा पानी करार दिया था, जिससे वे काफी आहत हुए थें। हालांकि बाद में जब इस टिप्पणी के बारे में लालू को पता चला तो उन्होंने तेजप्रताप की जमकर क्लास लगाई, जिसका नतीजा यह हुआ कि बाद में तेजप्रताप ने रघुवंश को अपना अभिभावक बताकर पूर्व के अपने वक्तव्यों पर खेद प्रकट किया।
महात्मा गांधी, बाबू जय प्रकाश नारायण, डॉ. लोहिया, कर्पूरी ठाकुर के नाम और विचारधारा पर लाखों लोग लगे रहे, तमाम कठिनाइयां सही, लेकिन डगमग नहीं हुए, लेकिन अब अब समाजवाद की जगह सामंतवाद, जातिवाद, वंशवाद, परिवारवाद, सुंप्रदायवाद आ गया है, यह वो बुराईयां हैं, जिनके विरोध में समाजवाद का जन्म हुआ था। अब तो हालात ऐसे बन चुके हैं कि इन महानपुरूषों की जगह महज परिवार के पांच लोगों की तस्वीरें छपने लगी है। राजनीति की परिभाषा के अनुसार सभी बुराइयों से लड़ना है, लेकिन राजद में अब इसके बिल्कुल विपरीत हो रहा है।
आपको ये पोस्ट कैसी लगी नीचे कमेंट करके अवश्य बताइए। इस पोस्ट को शेयर करें और ऐसी ही जानकारी पड़ते रहने के लिए आप बॉलीकॉर्न.कॉम (bollyycorn.com) के सोशल मीडिया फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पेज को फॉलो करें।
Post a Comment