OMG! बिना आज्ञा तगड़े प्रोटोकॉल के बाद भी राजा दशरथ के अंतःपुर में घुस जाता था ये शख़्स

 किसी भी राजा का अंतःपुर उसका सबसे निजी स्थान होता है। इसलिए राजा के अंतःपुर तक उसका पुत्र, गुरू, महामंत्री और पत्नी के अलावा कोई भी शख़्स बिना आज्ञा के प्रवेश नहीं कर सकता है। आप इसे आज के परिवेश में कुछ यूँ समझिए कि आपके पापा के कमरे में कोई किस तरह से और कौन प्रवेश कर सकता है या वहाँ प्रवेश करने का डेकोरम क्या है। ऐसे में आप समझिए कि राजा दशरथ तो चक्रवर्ती सम्रट थे तो उनके अंतःपुर में प्रवेश करने वाला कितना भौकाली इंसान रहा होगा।

जी हाँ, आपको बता दें कि महाराज राजा दशरथ से जब कोई मिलने जाता था तब उसे पहले महाराज से आज्ञा लेनी पड़ती थी और पूछ कर उनके महल या अंतःपुर में आना पड़ता था। यहाँ तक कि ये राज-नियम उनके पुत्रों और गुरुजनों पर भी लागू था। जबकि पूरी अयोध्या में केवल एक व्यक्ति ही ऐसा था, जो कभी भी बिना आज्ञा महाराज दशरथ से मिल सकता था और उन्हें रोकने की हिम्मत किसी को भी नहीं थी।
ग़ौरतलब है कि राजा दशरथ के अंतःपुर में यदि कोई बिना आज्ञा प्रवेश कर सकता था तो ये व्यक्ति थे महाराज के सारथी सूतपुत्र सुमंत्र। सुमंत्र राजा दशरथ के अति प्रिय, विश्वसनीय और ख़ास थे। आपको बता दें कि जब भगवान राम राजा बने तो भी सुमंत्र के लिए यही विशेषाधिकार राम जी की ओर से भी सुमंत्र के लिए था। यानी कि राजा राम चन्द्र के अंतःपुर में जाने के लिए भी उन्हें कोई अनुमति नहीं लेनी पड़ती थी।

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