आंध्र प्रदेश में हिंदुओं के मंदिरों पर धावा बोला जा रहा है, CM जगन रेड्डी की नींद खुलने का नाम नहीं ले रही है


पिछले कुछ सप्ताह से आंध्र प्रदेश में हिन्दू मंदिरों पर लगातार हमले हो रहे हैं और अब विपक्षी पार्टियां YSR कांग्रेस पार्टी के सुप्रीमो और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी के खिलाफ उतरने लगी हैं। हिंदू मंदिरों पर बढ़ रहे हमलों के लिए सामाजिक संगठनों ने जगन को जिम्मेदार ठहराया है। चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम और भारतीय जनता पार्टी दोनों ने जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

दरअसल, आंध्र प्रदेश में अब तक मंदिरों में मूर्तियों के तोड़फोड़ और उपद्रव की कम से कम पांच घटनाएं सामने आ चुकी हैं जिसकी शुरुआत इस महीने की शुरुआत में पूर्वी गोदावरी जिले के अंटारी में प्रसिद्ध श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर के पास 62 साल पुराने रथ के रहस्यमय तरीके से जलने के साथ हुई थी।

राज्य में आज एक और मंदिर पर हमला किया गया है, जिसमें एक नंदी की मूर्ति को तोड़ दिया गया है। चित्तूर जिले के गंगाधर नेल्लोर मंडल में अगारा मंगलम गाँव में स्थित शिव मंदिर में नंदी की प्रतिमा के 2 टुकड़े कर दिए गए।

तेलुगु देशम पार्टी के नेता जयदेव गल्ला ने राज्य में हिंदू मंदिरों पर हालिया हमलों के लिए आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ YSR कॉन्ग्रेस पार्टी को दोषी ठहराया था।

रथ-जलाने की घटना के बाद जगन सरकार ने यह घोषणा की कि वह फरवरी 2021 से पहले लगभग एक करोड़ रुपये की लागत से उसी प्रकार का रथ बनाएगी।

इस घटना के बाद तेलुगु देशम पार्टी ने पूर्वी गोदावरी जिले में श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर के रथ को जलाने की सीबीआई जांच की मांग की। पूर्व मंत्रियों निम्मकायला चिनाराजप्पा (Nimmakayala Chinarajappa) और गोलापल्ली सूर्याराव के नेतृत्व में पार्टी ने मंदिर दौरा किया था।

इसके बाद उम्मीद लगाई गयी थी कि आंध्र प्रदेश में हिंदू मंदिरों पर हमले को कम करने के लिए सरकार आवश्यक कदम उठाएगी लेकिन ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला। इस महीने विभिन्न मंदिरों पर एक बाद एक पाँच हमले हो चुके हैं।

कृष्णा जिले के निदामनुरु गांव में साईं बाबा मंदिर में एक मूर्ति को तोड़ दिया गया था। उसके बाद विजयवाड़ा के कनक दुर्गा मंदिर में चोरी हुई थी, जहां “राधा के तीन चांदी के शेर” रहस्यमय तरीके से लापता हो गए थे।

यह पहली बार नहीं है जब जगन धर्म आधारित राजनीति के केंद्र में रहे हैं। जब से वह सत्ता में आए हैं, विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि ईसाई धर्म के धर्मांतरण को बढ़ावा मिल रहा है। ईसाई धर्म प्रचार और मिशनरी संगठनों द्वारा राज्य में अजीबोगरीब माहौल बना दिया दिया गया है।

जिस तरह से राज्य में ईसाई धर्म को बढ़ावा देने के लिए जगन मोहन रेड्डी ने कई कदम उठाए हैं और उन्हें संरक्षण दे रहे हैं, पर हिंदु मंदिरों पर हो रहे हमले पर चुप्पी साधे हुए हैं और शायद हिन्दू मंदिरों पर हमला भी इसी का परिणाम है।

लगातार हो रहे हमलों से सामाजिक और राजनीतिक संगठन सतर्क हो चुके हैं कि आखिर, आंध्र प्रदेश में भारतीय सांस्कृतिक पर इस तरह के हमले करवाने वाली कौन सी ताकतें हैं। आंध्र प्रदेश में विपक्ष, जिसमें टीडीपी, बीजेपी, पवन कल्याण की जन सेना पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद जैसे सामाजिक संगठनों के समूह शामिल हैं, सभी ने सत्तारूढ़ YSRCP सरकार को निशाने पर लिया है और कई मांगों को उसके समक्ष रखा है जिसमें हिंदुओं के अधिकारों की मांग की गई है, साथ ही मंदिरों की सुरक्षा की की मांग भी की गई है।

जगन मोहन रेड्डी, एक कट्टर ईसाई हैं और उनपर अक्सर राज्य के ईसाई संगठनों के प्रति अत्यधिक सहानुभूति दिखाने का आरोप लगाया जाता है। सच तो यही है कि राज्य में धर्मांतरण गतिविधियाँ बिना किसी रोक टोक के चल रही हैं, और अब मंदिरों पर हमले भी होने लगे। गौर करें तो जब से सरकार ईसाई संगठनों को समर्थन प्रदान करती दिख रही है, राज्य में रहने वाले हिंदुओं पर खतरा बढ़ गया है और उनके धार्मिक स्थानों पर भी आये दिन हमले हो रहे हैं। सिर्फ विपक्ष को ही नहीं, बल्कि केंद्र सरकार को भी इस मामले पर संज्ञान लेना चाहिए और राज्य की YSRCP पर इन हमलों के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए दबाव बनाना चाहिए।

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