माफिया अतीक के करीबियों के समर्थन में उतरे सपाई, प्रशासन ने तोड़वाया मकान

 

प्रयागराज। अच्छी बात करना और उस पर अमल करने में बड़ा फर्क होता है। जब कोई आम इंसान गलत केस में फंसता है तो अक्सर यह कहा जाता है कि ​छोटे लोगों को फंसा दिया जाता है और पहुंच वालों को बचा दिया जाता है। लेकिन देखा जाए तो इसके लिए जितना भ्रष्ट सरकारी तंत्र जिम्मेदार है, उससे कहीं ज्यादा आम आदमी भी जिम्मेदार है। कई वर्षों बाद उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा की ऐसी सरकार बनी है जो अपराधियों को नेस्तनाबूद करने में लगी हुई है। माफिया अतीक अहमद और उसके करीबियों की अवैध संपत्तियों पर सरकारी बुलडोजर चलाकर उन्हें धराशायी किए जाने का कार्य जारी है। सरकार के इस कार्रवाई से जहां अधिकत्तर खुश हैं और वह मान रहे कि सूबे में ऐसी सरकार आई है जिसने अपराधियों के कमर तोड़ने की हिम्मत दिखाई है। वहीं अब इस कार्रवाई को सपा की तरफ से सियासी रंग देने की कोशिश शुरू हो गई है। वैसे सपा पर अपराधियों के साथ गठजोड़ के कई आरोप भी लगे हैं। इसलिए सपा की तरफ से ऐसा किया जाना कोई नई बात नहीं है।

शनिवार को अतीक के करीबी अरशद व राशिद के अवैध मकान को ध्वस्त करने गए प्रशासनिक अमले को सपा नेताओं के तगड़े विरोध का सामना करना पड़ा। प्रशासनिक कार्रवाई को रोकने के लिए सपा कार्यकर्ताओं की तरफ से तगड़ा विरोध किया गया। खैर कार्रवाई में अवरोध बनने वाले सपा कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया। सपा कार्यकर्ताओं के व्यापक प्रदर्शन को देखते हुए पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया और विरोध के बावजूद भी प्रशासनिक अमले ने माफिया अतीक के करीबी अरशद व राशिद के करोड़ों के बेशकीमती मकान को ध्वस्त कर दिया। बताते चलें कि बीत बीस दिनों में अतीक व उसके गुर्गों की यह बारहवीं ऐसी संपत्ति है, जिसको बुलडोजर चलवाकर धराशायी किया गया है।

गौरतलब है कि प्रयागराज के बेली क्षेत्र में माफिया अतीक के करीबी और उसके रिश्तेदार अरशद व राशिद ने करीब दस बिसवा जमीन पर करोड़ों की लागत से आलीशान मकान बनवा रखा है। अरशद व राशिद पेशे से प्रॉपर्टी डीलर हैं। सरकारी अमले का तर्क है कि मकान स्टेट लैंड मतलब सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा जमाकर किया गया है। इसी कब्जे पर प्रशासनिक अधिकारियों की कार्रवाई शुरू होने से पहले ही सपा प्रवक्ता ऋचा सिंह की अगुवाई में समाजवादी पार्टी के कई कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गए। यह लोग ध्वस्तीकरण की कार्रवाई का विरोध करते हुए सरकार व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इस पर पुलिस ने इन लोगों को हिरासत में लेकर आगे की कार्रवाई की।

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