साइलंट किलर की ऐसे करें पहचान, कोरोना संक्रमण के चलते बढ़ गया है खतरा

खानपान का रूटीन सही न होने चलते आज इंसान कई बीमारियों की गिरफ्त में है। इनमें से शुगर, ब्लेड प्रेशर आम हो गया है। लेकिन यह आम बीमारी कभी—कभी इतनी खतरनाक हो जाती है कि मरीज की जान चली जाती है। इन रोगों के चलते शरीर में अन्य बीमारियों के होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। इन्हीं में से एक खतरा हार्ट अटैक का भी है। हार्ट अटैक की एमआई नाम से भी जाना जाता है, जिसका फुलफॉर्म मायोकार्डियल इंफ्रेक्शन होता है। हार्ट अटैक के लक्षण और उनकी पहचान के बारे में थोड़ा—बहुत अधिकत्तर लोगों को पता है। लेकिन एक बात से कई लोग अनजान होते हैं, वह है साइलंट हार्ट अटैक। क्योंकि इसके लक्षण वैसे तो नजर नहीं आते हैं और जो हल्के—फुल्के नजर आते हैं, उन्हें हममें से अधिकत्तर लोग समझ ही नहीं पाते हैं। इसलिए जोखिम का खतरा बना रहता है।

बता दें कि हार्ट अटैक और साइलंट हार्ट अटैक के बीच का अंतर जानने के लिए जरूरी है कि सबसे पहले हार्ट अटैक के लक्षणों को समझा जाए। क्योंकि जब आपको लक्षण के बारे में नहीं पता होगा तो आप इसके संकेतों को इग्नोर कर देंगे। किसी बीतारी के लक्षण को इग्नोर करना ही बड़ी बीमारी व मौत का कारण बन जाता है।

ऐसे समझें साइलंट हार्ट अटैक को

  • साइलंट हार्ट अटैक का जैसा नाम है उसी तरह यह अपना काम साइंलट होकर करता है। इसमें सीने में हार्ट अटैक की तरह तेज दर्द नहीं होता, जैसा कि हार्ट अटैक के दौरान होता है। अधिकत्तर मरीजों को तो सांस लेने में भी किसी तरह की दिक्कत नहीं होती।
  • सीने में जलन, भारीपन और शरीर में कमजोरी जैसे सामान्य लक्षणों के साथ कोई भी साइलंट हार्ट अटैक का शिकार हो सकता है। इसलिए डॉक्टरों का कहना है कि सीने में जलन और भारीपन को कभी भी हल्के में न लें। इसको नजरंदाज करना घातक हो सकता है।
  • सीने में जलन—भारीपन जैसी जब भी समस्या हो तो खुद से या मडिकल स्टोर से दवा लेने की बजाय डॉक्टर के परामर्श से दवा लेनी चाहिए। इसके लिए जरूरी नहीं है कि आप हार्ट स्पेशलिस्ट को ही दिखाए फीजीशियन को भी दिखा सकते हैं।
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