गुजरात दंगों से जुड़े इस केस से हटाया गया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम

 

वर्ष 2002 में कारसेवकों को जिंदा जलाने के बाद भड़के गुजरात दंगे की आंच अभी भी रह—रह कर धधकने लगती है। चुनाव में राजनीतिक दल अक्सर इस दंगे को हवा देकर राजनीतिक फसल काटने की कोशिश करते रहते हैं। शायद यही कारण है 17 वर्ष बाद भी गुजरात दंगा आज भी हरा बना हुआ है। इस दंगे में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आरोपी बनाया गया था, जिन्हें कोर्ट ने बरी कर दिया है। इसी दंगे से जुड़े मुआवजे के एक केस में कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम हटा दिया है। इस मामले में दंगे के दौरान एक ब्रिटिश परिवार के तीन रिश्तेदारों की मौत के मुआवजे के तौर पर 23 करोड़ रुपए की मांग की गई थी। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम भी शामिल था, जिसे अब कोर्ट ने केस से हटा दिया है।

जानकारी के अनुसार गुजरात के सांबर कांठा जनपद की कोर्ट ने इस मामले में यह फैसला लिया है। कोर्ट का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र का नाम इस मामले में शामिल करने के लिए कोई ठोस प्रमाण नहीं है, जिसके चलते नरेंद्र मोदी का नाम इस केस से हटाया जा रहा है। प्रिंसपल सिविल जज एसके गढ़वी ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि अभियोग को पढ़ने के बाद यह साफ लग रहा है कि अभियुक्त यानी नरेंद्र मोदी पर बिना किसी ठोस सबूत के ये आरोप लगाए गए हैं। न्यायधीश ने कहा कि बिना किसी साक्ष्य के अभियुक्त के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा सकती।

गौरतलब है कि इस केस से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम हटाने के लिए आवेदन किया गया था। इसमें यह तर्क दिया गया था कि इस घटना के लिए व्यक्तिगत रूप से नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। इसके लिए राज्य जवाबदेह हो सकता है। बताते चलें कि वर्ष 2004 में ब्रिटिश नागरिक इमरान और दाउद ने नरेंद्र मोदी सहित 14 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। गुजरात दंगों में उनके रिश्तेदार सईद दाउद, शकील दाउद, मोहम्मद असवत मारे गए थे।

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