केंद्र के खिलाफ आज सड़क पर उतरेंगे किसान, सतर्क दिल्ली पुलिस ने सील किया बॉर्डर

kisan andolan

 नई दिल्ली। केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ दो दर्जन से अधिक किसान संगठन आज आवाज बुलंद करेंगे। किसान संगठनों ने संसद में पारित कृषि विधेयक के खिलाफ राजनीतिक दलों द्वारा शुक्रवार को आहूत देशव्यापी बंद को समर्थन देने का फैसला किया है। अंदाजा लगाया जा रहा है कि आज यानी शुक्रवार को होने वाला किसानों का यह देशव्यापी प्रदर्शन काफी उग्र हो सकता है। हरियाणा और पंजाब के किसान काफी आक्रोशित है ऐसे में कृषि बिलों के खिलाफ सबसे ज्यादा विरोध यहां देखने को मिल सकता है। हालांकि किसानों के उग्र होने की संभावनाओं को देखते हुए पंजाब प्रशासन काफी सतर्क है और पंजाब जाने वाली करीब 13 ट्रेनों का गंतव्य पहले ही बदल दिया गया है।

संसद में पारित किये गये कृषि विधेयक को लेकर देश भर के किसानों ने भारी नाराजगी है, जिसके चलते 31 किसान संगठनों ने पंजाब बंद का आह्वान, जिसका हरियाणा में भारतीय किसान यूनियन समेत कई संगठनों ने किसान विरोधी बिल के विरोध में होने वाली इस हड़ताल का समर्थन किया है। किसानों की इस हड़ताल को पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का समर्थन भी मिल रहा है। मुख्यमंत्री से कहा है कि शुक्रवार को प्रदेश में धारा 144 के उल्लंघन पर किसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं किया जायेगा। इधर किसानों के आन्दोलन को देखते हुए दिल्ली की सीमाओं को सील किया जा रहा है। किसानों का दिल्ली में प्रवेश न होने पाए इसके लिए दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर को भी सील किया जा रहा है। हालांकि ज्यादातर किसानों ने अपने-अपने इलाकों में रहते हुए प्रदर्शन करने की घोषणा की है फिर भी दिल्ली पुलिस शुक्रवार को अलर्ट पर रहेगी।

कई ट्रेनों के बदले गये रूट 

वहीँ पंजाब के किसानों ने रेल रोकने की प्लानिंग की है, जिसे देखते हुए देखते हुए पंजाब जाने वाली एवं वहां से होकर गुजरने वाली कई ट्रेनों को रद्द किया गया है जबकि कई ट्रेनों के मार्ग में परिवर्तन किया गया है।अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के संयोजक और मध्य प्रदेशे से तल्लुक रखने वाले वी.एम. सिंह मध्य उत्तर प्रदेश ने कहा है कि केंद्र सरकार ने अगर एमएसपी की गारंटी नहीं दी गई तो देशभर में किसान उग्र हो हो जायेंगे और अशांति फैल जाएगी। उन्होंने कहा केंद्र सरकार की गलत नीतियों का नतीजा है कि गरीबों की खाद्य सुरक्षा बहुराष्ट्रीय कंपनियों और कार्पोरेट घरानों के हाथों में चली गयी है। वी.एम. सिंह ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से इन विधेयकों को मंजूरी न देने की अपील की है।

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