यूपी में कोरोना किट की खरीददारी में बड़ा घोटाला, सीएम योगी ने दिए एसआईटी जांच के आदेश

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण से जहां प्रदेश की जनता भयभीत है वहीं सरकार इस वैश्विक महामारी से निपटने के लिए पूरी कोशिश कर रही है। लेकिन कुछ प्रशासानिक अधिकार इस बढ़ती हुई वैश्विक महामरी में भी अपने कमाई का जारिया ठूंढ़ लिए है। दरसअल बीते कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों से लगातार कोरोना किट की खरीदारी को लेकर बड़े स्तर पर घोटले का आरोप लगा रहा है। मामला सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसआईटी का गठन कर जांच करने का दिया है और जिसकी रिपोर्ट 10 में एसआईटी चीम को देनी है। अब नया मामला सूबे के बिजनौर जिले से सामने आया है। दरसअल जनपद में कोराेना काल के दौरान कोरोना किट की खरीदारी का घोटला का आरोप लगा हुआ है। आरोप है कि जनपद में पांच गुना महंगी कोविड किट खरीदी गई है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गाजीपुर के डीपीआरओ को 5,800 में इंफ्रारेड थर्मामीटर और पल्स ऑक्सिमीटर खरीदने पर निलंबित किया जा चुका है। वहीं 9,950 में खरीदने पर सुल्तानपुर के डीपीआरओ भी सस्पेंड कर दिया है।

इसके बाद भी बिजनौर में स्वास्थ्य विभाग में यही खरीद 15,750 रुपये में होने पर भी नियमानुसार बताई जा रही है। जीएसटी सहित 12,390 के रेट से इन्फ्रारेड थर्मामीटर और 3360 की दर से पल्स ऑक्सीमीटर खरीदे गए। लगभग पांच गुना ज्यादा कीमत पर हुई यह खरीद जैम पोर्टल के अनुसार होने का दावा किया गया है।  बिजनौर के स्वास्थ्य विभाग की बात करें तो सीएमओ बिजनौर ने सहारनपुर की फर्म याशिका इंटरप्राइजेज से बीते 8 अप्रैल 2020 को आदेश देकर जीएसटी समेत 12,390 रुपये प्रति की दर से 12 इन्फ्रारेड थर्मामीटर खरीदे तथा सहारनपुर की ही फर्म आयुषी इंटरप्राइजेज से एक अप्रैल 2020 को आदेश देकर जीएसटी समेत 3360 रुपये की दर से 20 पल्स ऑक्सीमीटर खरीदे। इस प्रकार इनके एक इन्फ्रारेड थर्मामीटर व एक पल्स ऑक्सीमीटर की कीमत मिलाकर 15,750 रुपये बैठती है। वर्तमान में यह दोनों सामान ऑनलाइन तक घर बैठे 2000 से 2600 रुपये के बीच उपलब्ध हो रहे बताए जाते हैं।

एमओ, बिजनौर डा. विजय कुमार यादव कहते हैं कि यह सही है, कि इन दरों पर इन्फ्रारेड थर्मामीटर व पल्स ऑक्सीमीटर खरीदे गए, लेकिन यह सब जैम पोर्टल पर उपलब्ध उस समय के न्यूनतम दामों के अनुसार खरीद थी। उस समय बाजार में इनकी उपलब्धता भी आसानी से नहीं थी। खरीद में नियमों का पालन किया गया है। मामले में जिलाधिकारी रमाकांत पांडेय ने बिजनौर के स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोविड 19 के लिए की सामग्री की खरीद में वित्तीय प्रक्रियाओं की समीक्षा के लिए बीती 31 अगस्त को वरिष्ठ कोषाधिकारी को निर्देशित किया है। वरिष्ठ कोषाधिकारी सूरज कुमार ने स्वीकार किया, कि कुछ जगह बिल में रेट सामान्य से ज्यादा लग रहे हैं, लेकिन वे जैम पोर्टल के अनुसार बताए गए हैं। वह इसको जैम पोर्टल पर भी क्रॉस चेक कर रहे हैं। पूरी समीक्षा के बाद वह अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को देंगे।

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