यूपी में प्रियंका गांधी की क्षमता पर उठे सवाल, कैसे होगी कांग्रेस की नैया पार

 

दिल्ली समेत देश के हर राज्य में कांग्रेस पार्टी अंतरकलह से जूझ रही है। कांग्रेस में नए व पुराने कार्यकर्ताओं के बीच मनमुटाव की स्थिति बनी हुई है तो सोनिया और राहुल के समर्थक भी टकराव की स्थिति में हैं। सोनिया गांधी पुराने वफादार नेताओं पर विश्वास जता रही हैं तो राहुल गांधी युवा नेताओं के पक्ष में हैं। पार्टी के इसी खींचतान में कई दिग्गज कांग्रेसी नेता गुटबाजी में लगे हुए हैं। वहीं पार्टी के समर्थित नेता हाशिए पर देखे जा रहे हैं। सोनिया और राहुल गांधी के समर्थकों के बीच जारी मनमुटाव पार्टी के लिए मुसीबत बनती जा रही है। वहीं प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा पर उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगना शुरू हो गया है। उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी से पार्टी से जुड़े लोगों को काफी उम्मीदें थीं। पार्टी में उन्हें लाने के लिए यही से सबसे ज्यादा मांग की गई। लेकिन प्रियंका गांधी को कांग्रेस महासचिव व उत्तर प्रदेश बनाए जाने के बावजूद भी यहां कांग्रेस की स्थिति जस की तस बनी हुई है।

कांग्रेस में बगावत व मनमुटाव के बाते नई नहीं हैं। देश की सबसे पुरानी पार्टी होने के नाते ऐसी स्थिति कई बार आई लेकिन उसे आपसी सामंजस्य से सुलझा लिया गया। बीते दिनों कांग्रेस के 23 वरिष्ठ नेताओं की ओर से पार्टी में बदलाव किए जाने को लेकर सोनिया गांधी को लिखे पत्र के बाद पार्टी में गहमागहमी बढ़ गई है। पत्र लिखने वाले इन दिग्गज नेताओं पर पार्टी नेतृत्व की तरफ से कैसा वर्ताव किया जा रहा है, यह किसी से छिपा नहीं है। राहुल गांधी ने तो अपने ही नेताओं पर भाजपा से मिले होने का आरोप तक लगा डाला। पार्टी के इन वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ राज्य इकाइयों में भी विरोध के सुर मुखर हो गए। राज्य इकाइयों के नेता इन वरिष्ठ नेताओं को धमकाते हुए माफी मांगने की मांग भी कर दी।

इसी क्रम में उत्तर प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री जितिन प्रसाद को प्रदेश कांग्रेस की राज्य और जिला इकाइयों की ओर से बार-बार अपमानित किया जा रहा है। उनको अपमानित कराने के पीछे प्रियंका गांधी वाड्रा का नाम लिया जा रहा है। सोनिया गांधी को लिखे पत्र की आड़ को लेकर यूपी कांग्रेस में भी पुराने नेताओं के खिलाफ विरोध के स्वर फूटने लगे हैं। प्रियंका गांधी की तरफ से ऐसे लोगों को शह दी जा रही है। इसी का नतीजा है जो जितिन प्रसाद सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं को अपमानित करने का दौर चल रहा है। पत्र प्रकरण के बाद उत्तर प्रदेश कांग्रेस में बीते दिनों से चल रही बदलाव की आहट ने अब और जोर पकड़ लिया है। इस बदलाव का नजारा चेहरों के साथ—साथ पार्टी के तौर-तरीकों में भी नजर आ रहा है। ऐसे में जिन पुराने कांग्रेसियों को यह बदलाव पसंद नहीं आ रहा है।

पार्टी के सूत्रों की मानें तो उत्तर प्रदेश की सियासत में जब से प्रियंका गांधी वाड्रा सक्रिय हुई हैं, तब से कांग्रेस के पुराने और सोनिया-राहुल के करीबी नेताओं को साइड लाइन किए जाने का खेल चल रहा है। प्रियंका गांधी ने सबसे पहले पार्टी के प्रदेश नेतृत्व में बदलाव किया। उसके बाद प्रदेश से लेकर जिला संगठन इकाइयों में बदलाव किया, जो काफी जरूरी भी था।लेकिन इस बदलाव में प्रियंका ने अपनी पसंद के लोगों को तरजीह दिया। यूपी कांग्रेस में सभी महत्वपूर्ण पदों पर प्रियंका के करीबियों को वारियता देने का आरोप लगता रहा है। प्रियंका को लेकर हाशिए पर आए कुछ पार्टी नेताओं का कहना है कि उनके आने के बाद संगठन में ऐसे नेताओं को आगे बढ़ाया जा रहा है, जिनका कोई सियासी जमीन तक ही नहीं है। इसी का नतीजा है कि पार्टी का जनाधार लगातार खिसकता जा रहा है। कांग्रेस के निष्कासित नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर यूपी में कांग्रेस को इतिहास का हिस्सा होने से बचाने की मांग की है।

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