मास्क न लगाने वालों पर भड़का इलाहाबाद हाईकोर्ट, दिया ये कड़ा निर्देश

 

नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण बहुत तेजी से बढ़ रहा है, उत्तर प्रदेश में खासकर। सूबे की योगी सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी कोरोना का संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट कड़े शब्दों में निर्देश देते हुए कहा कि सूबे हर एक इंसान को मास्क पहनना अनिवार्य होगा। कोर्ट ने कहा है कि प्रदेश का कोई भी नागिरक अपने घर से बाहर बिना मास्क लगाए नहीं दिखाई पढ़ना चाहिए। हर एक व्यक्ति को घर बाहर मास्क पहन कर ही निकलना होगा। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा, घर से बाहर निकलने वाले हर एक व्यक्ति का मुंह और नाक ढंका होना चाहिए, अगर कोई इस आदेश का उल्लंघन करता हुआ पाया गया तो उसे मौजूदा कानून के तहत कठोर सजा दी जाएगी।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य में कोरोना संक्रमण के लिए बनाए गए के गाइडलाइंस का पालन ठीक से न होने के कारण कोर्ट ने यह आदेश जारी किया है। इसके साथ कोर्ट ने आदेश का पालन करने के लिए हर जनपद के प्रत्येक थाने में एक टास्क फोर्स के गठन का निर्देश दिया है, जिसमें मौजूदा से ज्यादा संख्या में पुलिसकर्मी रखे जाएंगे। इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि पूरे विश्व के विशेषज्ञ इस बात को मानते हैं कि कोरोना से बचने का एक ही रास्ता है, शारीरिक दूरी और मास्क पहनना। यदि सभी लोग मास्क पहनने लगे तो इससे संक्रमण खुद ब खुद रुक जाएगा।

इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजीत कुमार की पीठ कोरोना वायरस के संक्रमण की रोक थाम के प्रयासों की मॉनिटरिंग कर रहे है। पीठ ने कहा कि सूबे की आम जनता को यह समझना होगा कि मास्क न सिर्फ उनको संक्रमण से बचाएगा, बल्कि पूरे समाज को सुरक्षित करेगा। वहीं कोर्ट ने नगर निगम प्रयागराज को निर्देश दिया कि वह कोरोना से संबंधित प्रगति की सूचना हर दिन हाईकोर्ट लीगल सेल को ई-मेल के माध्यम से दें।

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