सड़क किनारे लगे पेड़ों पर अकसर जड़ों के ऊपर सफेद और लाल रंग से पेंट किया हुआ रहता है। भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी ये चलन देखने को मिलता है । पेड़ों के निचले हिस्से में पेंट करने का यह तरीका बेहद पुराना है । लेकिन ऐसा क्यों किया जाता है, आखिर क्यों पेड़ों को इस तरह रंगा जाता है । शायद आप नहीं जानते, लेकिन इसके पीछे कई वैज्ञानिक कारण हैं । आगे बताते हैं आपको ।
उम्र बढ़ती है
दरअसल पेड़ों के निचले हिस्से में पेंट करने का एक
बड़ा कारण है इसे मजबूती देना, इसकी उम्र बढ़ाना । अकसर पेड़ों में दरारें देखी जाती हैं, जिससे ये कमजोर हो जाते है, पेड़ों की छाल निकलने लगती है । ऐसे में पेड़ मजबूत रहे, इसके लिए उसे पेंट कर दिया जाता है। पेंट करने से पेड़ों की उम्र भी बढ़ जाती है।
दीमक और कीड़े से बचाव
पेड़ों को पेंट करने के पीछे एक कारण है, कीटों से इसका बचाव । पेंट लगाने से पेड़ पर दीमक या कीड़े नहीं लगते हैं। क्योंकि ये कीड़े किसी भी
पेड़ को अंदर से खोखला कर देते हैं, लेकिन पेंट करने की वजह से पेड़ों में कीड़े नहीं लगते हैं। पेड़ों को पेंट करने से उन्हें कीड़ों से भी सुरक्षा मिलती है। पेड़ों को पेंट करने से उनकी सुरक्षा में भी सुधार होता है। पेड़ वन विभाग की निगरानी में हैं, इससे पता चलता है और कोई भी उनकी कटाई नहीं कर सकता ।
अलग रंगों का भी होता है प्रयोग
कुछ जगहों पर पेड़ों को रंगने के लिए केवल सफेद पेंट का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन कई जगहों पर लाल और नीले रंगों का भी उपयोग
किया जाता है। नेशनल हाईवे पर सड़क के किनारे लगे पेड़ों को भी सफेद रंग से रंगा जाता है, ताकि रात के अंधेरे में भी ये पेड़ अपनी चमक के कारण आसानी से देखे जा सकते हैं। आजकल पेड़ों पर रात में चमकने वाली पट्टियां भी लगाई जाता है । ये पीली और लाल रंग की होती हैं ।
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