अयोध्या में बन रहे एयरपोर्ट के नाम में होगा परिवर्तन, सीएम योगी ने रखा ये नाम

 

अयोध्या। भागवन श्रीराम की नगरी अयोध्या में सैलानियों के आने जाने के लिए बनाए जा रहे है एयरपोर्ट का नाम ‘मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम’ रखा जाएगा। इस एयरपोर्ट का निर्माण कार्य अगली साल यानी 2021 के दिसंबर तक पूरा हो जाने की संभावना है। इस पोर्ट के चालू होते ही उत्तर प्रदेश में यह पांचवा एयरपोर्ट होगा जो अंतरार्ष्ट्रीय स्तर का होगा। अभी तक प्रदेश में जो एयरपोर्ट है उनमें शामिल है लखनऊ का चौधरी चरण सिंह, वाराणसी का लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट अंतरार्ष्ट्रीय स्तर का है। इसके साथ दो अन्य एयरपोर्ट भगवान बुद्ध की निर्माण स्थली कुशीनगर तथा जेवर में बनाए जा रहे हैं। इन्हें भी अंतरार्ष्ट्रीय स्तर के मानकों के मानकों के मुताबिक बनाया जा रहा है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि  कुशीनगर एयरपोर्ट इस वर्ष के नवंबर माह संचालित हो जाएगा और पहली उड़ान श्रीलंका के कोलंबों के लिए होगी। आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आयोध्या में राम जन्मभूमि बनने के बाद राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय भक्तों और सैलानियों की संख्या में बड़ी वृद्धि होगी।

इसी को देखते हुए सूबे की योगी सरकार ने एयरपोर्ट के विस्तार की योजना बनाई है। आपकी जानकरी के लिए बता कि बीते साल अप्रैल 2017 तक अयोध्या एयर पोर्ट का डवलपमेंट दो चरणों में करने की योजना बनाई गई थी। इसके लिए हुए टेक्नो-इक्नोमिक सर्वे में पहले चरण में एटीआर-72 विमानों के लिए विकसित किया जाना था। इसमें रन-वे की लंबाई 1680 मीटर रखी जानी थी। दूसरे चरण में ए-321, 200 सीटर विमानों के संचालन के लिए एयरपोर्ट विकसित होना था।इसमें रन-वे की लंबाई 2300 मीटर प्रस्तावित थी। जिसे बाद में मुख्यमंत्री योगी ने इस एयरपोर्ट को बोइंग-777 विमानों के योग्य बनाने और इसके नाम में परिवर्तन करने का एलान किया था। जिसके बाद भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने बीते साल पांच मई को भौतिक सर्वे करने के बाद संशोधित रिपोर्ट प्रस्तुत किया था।

प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार पहले चरण में ए-321 विमानों के संचालन के लिए 463.10 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी। इसमें रन-वे की लंबाई 3,125 मीटर और चौड़ाई 45 मीटर होगी। दूसरे चरण में बाइंग 777 जैसे बड़े विमानों के संचालन के लिए 122.87 एकड़ जमीन की अतिरिक्त आवश्यकता होगी। इसमें रन-वे की लंबाई 3,750 मीटर और चौड़ाई 45 मीटर होगी। वहीं, एयरपोर्ट के संचालन व सुरक्षा से जुड़े कर्मचारियों के आवासीय क्षेत्र के लिए आसपास 15 एकड़ भूमि की जरूरत बताई गई। इस तरह एयरपोर्ट के लिए कुल 600 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी।

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