ओली ने फिर की नापाक हरकत, बढ़ सकता है भारत—नेपाल के बीच विवाद

 

नई दिल्ली। भारत के मित्र देश रहे नेपाल हाल के दिनों कुछ ऐसी करते करता आ रहा है जिससे दोनों देशों के बीच टकराव स्थिति बनती जा रही है। नक्शा विवाद के बाद स्थिति जहां सामान्य हो रही थी वहीं नेपाल की सरकार ने एक बार फिर नक्शा विवाद का हवा दे दिया है। ओली सरकार ने विवादित नक्शे को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल कर लिया है। साथ ही एक और दो रुपए के नेपाली सिक्के पर इस नक्शे को अंकित करने का निर्णय लिया है। इस हरकत के बाद ऐसा माना जा रहा है दोनों देश के बीच कड़ुवाहट एक बार फिर बढ़ने वाली है। नेपाल को एक बार फिर से भारत की तरफ से कड़ी नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है।

गौरतलब है कि नेपाल ने कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को अपने नए नक्शे में शामिल किया था, जिसके बाद भारत के साथ उसका विवाद बढ़ गया है। यह विवाद उस समय शुरू हुआ था जब भारत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लिपुलेख से होकर जाने वाले कैलाश मानसरोवर रोड लिंक का उद्घाटन किया था। रोड लिंक उद्घाटन से नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ऐसे चिढ़े कि उन्होंने न सिर्फ नक्शे बदलाव कराया बल्कि संसद से इसे पास कराने के लिए संविधान में भी संशोधन किया। इतना ही नहीं इससे पहले नेपाल के पीएम ने दावा किया था कि महर्षि वाल्मीकि आश्रम नेपाल में है और वह पवित्र स्थान जहां रिदि भी यही है जहां राजा दशरथ ने पुत्र रत्न की प्राप्ति के लिए यज्ञ किया था। उन्होंने दावा किया था कि दशरथ पुत्र राम नेपाली हैं।

इसी के साथ ही उन्होंने दलील देते हुए कहा था कि जब संचार का कोई माध्यम नहीं था तो भगवान राम सीता से विवाह करने जनकपुर कैसे आए? ओली ने कहा था कि भगवान राम के लिए तब यह असंभव रहा होगा कि वह अयोध्या से जनकपुर तक आते। उन्होंने कहा कि जनकपुर यहां और अयोध्या वहां है और ऐसे में हम विवाह की बात कर रहे हैं। तब संचार के कोई माध्यम भी नहीं थे। न मोबाइल फोन था और ना ही टेलीफोन, तो उनको जनकपुर के बारे में कैसे मालूम चला।

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