बिकरू कांड: कोर्ट ने बढ़ाई खुशी दूबे की न्यायिक हिरासत, इन संगीन धाराओं में चलेगा मुकदमा

कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुए चर्चित बिकरू कांड के बाद पुलिस ने अलग अगल एनकाउंटर में विकास दूबे और उसके साथी अमर दूबे को मार गिराया। वहीं अमर दीबे की नई नबेली दूल्हन खुशी दूबे को पुलिस ने गिरप्तार कर जेल जेल भेज दिया। खुशी दूबे के मामले पर सुनावई करते हुए कोर्ट ने खुशी की न्यायिक हिरासत दिन के लिए और बढ़ा दी है। खुशी दूबे के खिलाफ अब 17 धाराओं में मुकदमा चलेगा। खुशी को बीते गुरुवार को कानपुर के माती कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान पुलिस ने संशोधित धारा के अन्तर्गत रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। खबरों के मुताबिक कोर्ट में पुलिस की तरफ से दिए गए प्रार्थना पत्र में कहा गया था कि खुशी को जिन धाराओं में जेल भेजा गया था उसमें कुछ संशोधन किया गया है। इस दौरान पुलिस ने बताया कि विवेचना के दौरान खुशी और अपराधों में भी दोषी पाई गई है लिहाजा कुछ धाराएं बढ़ाई गई हैं। इससे पहले अमर की पत्नी को बलवा, हत्या का प्रयास, हत्या, डकैती, षड्यंत्र रचना, चोरी की गई सम्पत्ति को बेईमानी से प्राप्त करना और 7 सीएलए में जेल भेजा गया था।

अब इन धाराओं में चलेगा मुकदमा- धारा 147, 148, 149 (बलवा), 504 (धमकी देना), 506 (जान से मारने की धमकी देना), 353 (लोक सेवक पर सरकारी कार्य करते समय हमला करना), 332 (लोकसेवक को जानबूझकर गम्भीर चोट पहुंचाना), 333(लोक सेवक को घोर क्षति पहुंचाना), 307 (जान से मारने का प्रयास), 302 (हत्या), 412 (चोरी की गई संपत्ति को बेईमानी से पाना), दफा 34(एक या उससे अधिक लोगों का आपराधिक घटना कारित करना), 7 सीएलए, 3/4 विस्फोटक अधिनियम में मुकदमा चलेगा। पुलिस ने डकैती की धारा 395 हटा दी है। उसकी जगह धारा 396 जोड़ी है जिसके अनुसार डकैती के दौरान हत्या कर देना होता है।

वकील ने जताई आपत्ति, कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट- वहीं कोर्ट में सुनावई के दौरान बचाव पक्ष के वकील शिवाकांत दीक्षित ने नाबालिग के पिता की तरफ से कोर्ट में प्रार्थना पत्र देते हुए आपत्ति जताई। इसके साथ ही खुशी दूबे के संबंध में किशोर न्याय बोर्ड के कानूनों के उल्लंघन होने का हवाला दिया है। इस पर कोर्ट ने पुलिस से दो दिन में रिपोर्ट मांगी है। शिवाकांत ने बताया कि उनकी नाबालिग से मुलाकात भी हुई है और उसने केस में कुछ ऐसी जानकारियां दी हैं जो पहले पुलिस की लिखापढ़ी में कहीं नहीं आई।

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