जानें कुत्तों को क्यों नहीं हजम होता है घी, यह है बड़ी वजह

एक कहवात है जिसे हर कोई सुना होगा और कुछ लोग कहते भी हैं, यह कहवात है ‘कुत्तों को घी हजम नहीं होता’। इंसानी भाषा में इसका अर्थ निकलता है कि यदि किसी दोयम दर्जे के शख्स को अच्छा अवसर मिल जाए तो भी वह उसे फायदेमंद नहीं बना पाता है। अब यह तो कहावत हो गई। लेकिन क्या आपको पता है कि कुत्तों को सच में घी हजम नहीं होता है। और अगर ज्यादा मात्रों में उन्हें घी का सेवन करा दिया जाए तो उनकी मौत भी हो सकती है। आइए जानते हैं ऐसा क्यों होता है…..

वैज्ञानिक दृष्टि से अगर देखा जाए तो कुत्तों की उम्र लगभग 12 वर्ष के आसपास होती है। कुत्तों में किसी वस्तु को देखने, सुनने, सूंघने, चखने तथा छूकर पहचानने की क्षमता बहुत अधिक होती है। कुत्तों के बारें में कहा जाता है कि इन्हें अपश्रव्य तरंगे भी सुनाई देती हैं। कुछ  लोग तो यह भी कहते हैं कि कुत्ते पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र को देख सकते हैं। कुत्ता Canidae फैमिली का सदस्य होता है, इसका वैज्ञानिक नाम Canis lupus familiaris है।

चलिए अब इस बात पर आते हैं कि कुत्ते को घी हजम क्यों नहीं होता? दरसअल में इसका संबंध कुत्ते के पाचन तंत्र से होता है। कुत्ते का पाचन तंत्र वसा या फैट को पाचने के लिए बहुत संघर्ष करते हैं। इसकी वजह ये है कि इनके पाचन तंत्र में वसा या फैट को डाइजेस्ट करने वाले एंजाइम lipase बहुत कम मात्रा में स्रावित होते हैं। बस यही वजह है कि कुत्ता घी या दूध से बने हुए डेयरी प्रोडक्टस हजम नहीं कर पाता है।

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