मानसून सत्र से पहले पीएम मोदी दिया कड़ा संदेश, बोले— देश के जवानों के साथ खड़ी है संसद

 

नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच संसद सत्र आज से शुरू हो गया है। संसद सत्र के शुरू होने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर खड़े हमारे सैनिकों के पीछे संसद एक स्वर और भाव में खड़ा है। वहीं विपक्ष पहले ही साफ कर चुका है कि वह भारत—चीन सीमा पर वास्तविक स्थिति के बारे में सरकार से जानना चाहता है। पीएम मोदी ने विश्वास जताते हुए कहा कि संसद हमारे देश के खिलाफ टेढ़ी नजर रखने वालों को एक स्वर में यह संदेश देगी कि वह हमारी सीमाओं की रक्षा करने वाले सैनिकों के साथ एकजुटता के साथ खड़ी है।

गौरतलब है कि संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख में चीन के साथ चल रहे सीमा गतिरोध के बारे में कहा कि भातीय जवान कठिन पहाड़ी क्षेत्रों में पूरी बहादुरी के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वाहन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संसद में कई गंभीर मुद्दों पर चर्चा होगी, यह चर्चा जितनी अधिक होगी, उतना ही अच्छा रहेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि सभी सांसद सामूहिक रूप से कई मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे।

वहीं प्रधानमंत्री को जवाब देते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा कि हम सभी सैनिकों के साथ हैं, इसमें किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए। लेकिन सरकार की जिम्मेदारी है कि वह संसद को बताए कि सीमा पर क्या स्थिति चल रही है। इसके साथ ही कोविड—19 महामारी का जिक्र करते हुए उन्होंनें कहा कि संकट के दौर में संसद सत्र विशेष परिस्थितियों में आयोजित किया जा रहा है और सभी सांसदों ने कोविड काल में अपना दायित्व निभाने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए सभी स्वास्थ्य नियमों का पालन किया जाएगा। जब तक वायरस का टीका नहीं मिल जाता किसी तरह की ढिलाई बरतना खतरनाक साबित हो सकता है।

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