बिहार चुनाव: लालू को मिल सकता है मुंहतोड़ जवाब, सुशासन बाबू ने चली है ये चाल


बस कुछ ही दिनों का इंतजार..इसके बाद लगेगा बिहार में चुनावी तड़का..फिलहाल तो इस तड़के को जोरदार बनाने की कवायद शुरू हो चली है। चाहे बात राजद की हो या फिर जदयू की। सभी एक-दूसरे को चुनावी बिसात में पटखनी देने में मशगूल हैं। अब ऐसे में कौन कहां तक सफल होता है। इसकी तस्दीक तो फिलहाल आने वाला वक्त ही करेगा। मगर यदि इससे पहले बिहार विधानसभा चुनाव में फतह हाने की दिशा में बिहार के प्रमुख दलों में शुमार रहे राजद और जदयू की रणनीति पर विचार विमर्श करें तो यहां पर कहीं न कहीं सुशासन बाबू का पलड़ा लालू यादव से भारी पड़ता नजर आ रहा है। मतलब..साफ है कि नीतीश कुमार की एक-एक चाल के आगे लालू परास्त होते हुए दिख रहे हैं। वो कैसे? जानने के लिए पढ़िए हमारी यह खास रिपोर्ट 

ऐश्वर्या राय 
लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव की पत्नी एश्वर्या अब नीतीश कुमार की पार्टी जदयू में शामिल हो चुकीं हैं। वो राजद के खिलाफ चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। गत दिनों खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी अपनी वर्च्युअल रैली के दौरान चंद्रिका राय के मसले को लेकर उठाया था। बताया जा रहा है कि चंद्रिका राय के परिवार की पैठ चुनाव के लिहाज से खासा अहम और मजबूत मानी जाती है और इस स्थिति में सुशासन बाबू ने एश्वर्या राय और उनके पिता चंद्रिका राय को अपने पाले में करके कहीं न कहीं चुनावी मैदान में राजद की मौजूदगी को सुस्त करने का काम किया है। उधर, तेजप्रताप और एश्वर्या राय के तलाक का मसला कोर्ट में विचाराधीन है। अब यह चुनाव में किस तरह से अपना प्रभाव छोड़ सकती है। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा।

जय वर्धन 
जयवर्धन सिंह यादव बिहार के सबसे बड़े यादव नेता मानें जातें हैं। राजद से इनका रिश्ता बहुत पुराना रहा है। इनके दादा भी राजद में रहे हैं, लेकिन अब इन्होंने राजद से रूखसत होते हुए जदयू का दामन थाम लिया है, जो कि लालू के लिए इस चुनाव में घाटे का सौदा माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि जय वर्धन सिंह यादव ने बिहार में लोक कल्याण के अनेकों काम किए हैं। उन्होंने कई स्कूल कॉलेज और कई अन्य जनकल्याणकारी काम किए हैं। यादवों के बीच भी इनकी अच्छी पैठ मानी जाती है। ऐसी स्थिति में राजद में इनका शामिल होना राजद की स्थिति को मजबूत करता हुआ नजर आ रहा है।

फराज फातमी 
अली अशरफ फातमी के बेटे फराज फातमी मिथांलचल के सबसे बड़े मुस्लिम चेहरा मानें जातें हैं। काफी लंबे समय तक राजद में रहने वाले फातमी और फराज जब राजद में उपेक्षित महसूस करने लगे तो इन्होंने जदयू का दामन थाम लिया। माना जा रहा है कि इन दोनों बाप बेटों के शामिल होने से बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू की स्थिति राजद के मुकाबले में कहीं अधिक मजबूत हुई है।

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