इंसान इन गलतियों के चलते हो जाता है बर्बाद, आयु भी हो जाती है कम

समय के हिसाब से लोगों की दिनचर्या काफी बदल गई है। प्राकृतिक संतुलन भी काफी बिगड़ गया है। इसका असर जहां सभी तरह के जीव—जंतुओं और पेड़ पौधों पर देखा जा रहा हैं वहीं इंसान भी इससे काफी प्रभावित हुआ है। कई पशु—पक्षियों का वजूद हमारे सामने समाप्त हो गया, लेकिन इसे हम कुदरत का कहर मान कर इसके कारणों पर अज्ञान बने बैठे हुए हैं। इंसानों की भी उम्र घटती जा रही है। लेकिन लोग यह तर्क देने में मस्त है कि उनके पूर्वज कितने बलशाली थे और कितने वर्षों तक जिंदा थे। इस पर कोई गौर नहीं कर रहा कि जीवन को सुव्यवस्थित रखने और दीर्घायु होने के कई उपाय हैं। इन उपायों को जानने की जगह लोग वहीं गलती दोहरा रहे हैं, जिससे उम्र कम हो रही है।

अहम का वहम काफी घातक

शास्त्रों में अहम को व्यक्ति का सबसे बड़ा दुश्मन बताया गया है। व्यक्ति के पतन का कारण उसका अहम होता जा रहा है। आज ऐसे अधिकत्तर लोग है जिनपर उनका अहम हावी है। ऐसे लोग खुद को काफी महान समझते हैं और सामने वाला उन्हें तुच्छ नजर आता है। इसके चलते लोगों के दुश्मनों की संख्या बढ़ती जा रही है। घमंड ही इंसान की मौत का कारण बनता जा रहा है।

आवश्यकता से ज्यादा बोलना

जरूरत से ज्यादा बोलना भी काफी हानिकारक होता है। जो लोग ज्यादा बोलते हैं उससे लोग दूर होते चले जाते हैं। लोग उन्हें हीन नजरों से देखने लगते हैं। काफी ज्यादा बोलने वाले की आयु कम हो जाती है।

त्याग की भावना का अभाव

समय के हिसाब से इंसान काफी बदल गया है, लोगों में त्याग की भावना खत्म सी हो गई है। जबकि हमारे सामने कई ऐसे उदाहरण है जो यह बताते हैं कि त्याग के अभाव में कई हस्तियों का पतन हो गया। त्याग की कमी के चलते रावण, दुर्योधन आदि का पतन हुआ था। सांसारिक सुख मनुष्य की आयु को घटाते हैं। उनका त्याग करने से आयु में वृद्धि होता है।  हीन और त्याग की भावना न रखने वाले की मौत जल्दी हो जाती है।

अनावश्‍यक गुस्सा करना

कहा गया है कि गुस्सा हमेशा खुद का ही नुकसान कराता है। गुस्से में इंसान कई तरह की गलतियां कर देता है जिसके चलते बाद उसे पछताना भी पड़ता है। गुस्सा इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन है, जो धीरे-धीरे करके उसे मौत की तरफ ढकेलता है।

लालच व स्वार्थ का बढ़ना

लालच व स्वार्थ इंसान की प्रवृत्ति में शामिल है। लेकिन यह जब इंसान पर हावी हो जाता है तो बड़े खतरे का कारण भी बन जाता है। इतना ही नहीं जिस इंसान पर लालच हावी हो जाता है उसकी आयु अपने आप कम होने लगती है। शास्त्रों में भी लालची व्यक्ति की आयु कम बताया गया है।

कपटी होना

छल व कपटी प्रवृत्ति वाले व्यक्ति पर कोई भी विश्वास नहीं करता। ऐसे लोगों से अपने ही उससे दूरी बना लेते हैं। जीवन में मित्र धर्म को निभाना बहुत ही पवित्र माना गया है। लेकिन छल व कपट की भावना रखने वाला कभी किसी का मित्र नहीं हो सकता। ऐसे लोगों की भी उम्र ज्यादा लंबी नहीं होती।

आपको ये पोस्ट कैसी लगी नीचे कमेंट करके अवश्य बताइए। इस पोस्ट को शेयर करें और ऐसी ही जानकारी पड़ते रहने के लिए आप बॉलीकॉर्न.कॉम (bollyycorn.com) के सोशल मीडिया फेसबुकट्विटरइंस्टाग्राम पेज को फॉलो करें।

0/Post a Comment/Comments