रेलवे इन कानूनों में करने जा रहा है बड़ा बदलाव, जानें यात्रियों पर क्या पड़ेगा असर

 

भारत में कई कानून ऐसे हैं जो समय के हिसाब से निष्प्रभावी हो चुके हैं। ऐसे कानूनों में सख्त बदलाव किए जाने की जरूरत काफी दिनों से महसूस हो रही है। हालांकि केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद निष्प्रभावी हुए कई कानूनों में या तो बदलाव किया गया है या उन्हें समाप्त कर दिया गया है। ऐसे में भारतीय रेलवे ने भी कई पुराने कानूनों में बदलाव किए जाने का फैसला लिया है, जिसके लिए केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव भेजा गया है। सूत्रों की मानें तो रेलवे ने इस प्रस्ताव को केंद्रीय कैबिनेट के पास भेज दिया है। भेजे गए प्रस्ताव में भारतीय रेलवे ने 1989 के 2 कानूनों को बदलने का सुझाव दिया है। जानकारी के मुताबिक आईआरए के सेक्शन 144 (2) में संशोधन करने को कहा गया है, इसके साथ ही ट्रेन या स्टेशन में धूम्रपान करने वालों को भी जेल न भेजकर उनसे सिर्फ जुर्माना वसूलने की सलाह दी गई है।

इतना ही नहीं इंडियन रेलवे एक्ट के सेक्शन 167 को भी संशोधित करने का प्रस्ताव रखा गया है। माना जा रहा है कि अगर यह संशोधन स्वीकार कर लिया जाता है तो इससे ट्रेन, रेलवे प्लेटफार्म, स्टेशन परिसर में धूम्रपान करने वाले जेल जाने से बच जाएंगे, उनसे जुर्माना वसूल कर छोड़ दिया जाएगा। खैर केंद्र सरकार पहले से ही ऐसे कानूनों को बदलने या खत्म करने का विचार कर रही है जो मौजूदा समय में निष्प्रभावी हो चुके हैं। बताया जा रहा है जिस कानूनों से सिस्टम में दिक्कत आ रही है, उसे संशोधित करने पर काम चल रहा है। इसीलिए अलग-अलग मंत्रालयों और विभागों में से ऐसे गैर जरूरी कानूनों की लिस्ट तैयार कराई जा रही है।

बताते चलें कि कोरोना संकट के बीच भारतीय रेलवे के 167 वर्षों के इतिहास में यह पहली बार हुआ है जब रेलवे ने टिकट बुकिंग की आय से ज्यादा खर्च कर यात्रियों को घर वापस पहुंचाने का काम किया है। भारतीय रेलवे को कोरोना काल में प्रभावित चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यात्रियों से आय में 1066 कोरोड़ रुपए का बड़ा नुकसान हुआ है।

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