पूजा के बाद सुख समृद्धि के लिए हाथ में कौन सा धागा बांधें ? आप भी जानिए

 


आज के दौर में आज का यूथ हाथों में कई तरह के धागे वगैरह चीजें पहनता है. वहीं मंदिरों में भी कई धागे बांधे जाते हैं. काफी कम लोग ये बात जानते हैं कि ये धागे हमारे लिए सकारात्मक ऊर्जा का निर्माण भी करते हैं. अगर धागे को परेशानी के हिसाब से पहना जाए तो इसके रिजल्ट काफी अच्छे हो सकते हैं, लेकिन बशर्ते कि इस धागे को ऐसे नहीं बांधा जाता है. हमारे शास्त्रों में इस बारे में पूरी जानकारी दी है. रक्षासूत्र का ज्योतिषि में काफी महत्व माना गया है. हर भगवान, हर ग्रह के हिसाब से अलग-अलग रक्षासूत्र बांधने का विधि-विधान है.

ग्रह और देवताओं के अनुसार…
बुध के लिए हरे रंग का सॉफ्ट धागा, शुक्र और लक्ष्मी के लिए सफेद रेशमी धाना, शनि की कृपा पाने के लिए नीले रंग का सूती धागा, गुरु और विष्णु के लिए पीले रंग का रेशमी धागा, मंगल और हनुमान के लिए लाल रंग का धागा, चंद्र और शिव के अच्छे प्रभाव के लिए सफेद धागा और राहु-केतु और भैरव की कुपा बनाए रखने के लिए काले रंग का धागा हाथ में बांधना चाहिए. वहीं अब ये भी समझना बेहद जरूरी है कि धागा बांधा कैसे जाए? दर्सल, जिस भी देवता/ग्रह के शुभफल के लिए धागा बांधना है उसके लिए उसी वार को मंदिर जाएं. मंदिर में पूजा करें, प्रसाद चढ़ाएं और फिर उस धागे को थोड़ी देर के लिए भगवान की प्रतिमा के पैरों में रख दें. वहीं इसके बाद पंड़ित जी से उस धागे को अपने सीधे हाथ में बंधवाएं और अपनी इच्छा अनुसार उन्हें दक्षिणा दें. ऐसे में ये धागा आपको काफी लाभ देगा.

दरअसल, हम अपने हाथों में कई तरह के धागे अपनी परेशानियों को दूर करने के लिए बांधते हैं, लेकिन इसमें ये जानना जरूरी है कि इस धागे (रक्षासूत्र) को बांधा कैसे जाए, जिससे परेशानियां जल्दी दूर हो.

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