“उल्टी, चक्कर और हालत खराब”, साबित हो गया, चीनी वायरस से ज़्यादा खतरनाक है चीनी वैक्सीन


सभी को पता है कि चीन एक तानाशाह देश है। ऐसे में वो किसी भी हद तक मानवता को शर्मसार करने से बाज नहीं आता है। चीन ने पूरी दुनिया को कोरोनावायरस की महामारी दी जिसके खतरे को वो दुनिया को बता सकता था फिर भी उसने छिपाकर सभी को अंधेरे में रखा। अब जब चीन वैक्सीन बना रहा है तो उसके साइड इफेक्ट्स के कारण चीन में लोगों को दिक्कतें हो रही है फिर भी करार के कारण चीन अपने कई मित्र देशों को ये साइड इफेक्ट्स वाली खराब वैक्सीन बेच रहा है जो दिखाता है कि क्रूरता शब्द भी चीन के लिए बौना ही है।

वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स

दरअसल, चीन की वैक्सीन को लेकर हजारों तरह के सवाल हैं। इसके बावजूद चीन वैक्सीन के तीसरे फेज के ट्रायल में जुटा हुआ है। खबरों के मुताबिक चीनी नागरिकों में इस वैक्सीन के कई साइड इफेक्ट्स हो रहे हैं लेकिन चीन ने इसके आपातकालीन उपयोग को लेकर हामी भर दी है।

चीन केलेखक और कॉलमिस्ट कान चाई ने बताया कि वैक्सीन की पहली डोज में तो कुछ नहीं हुआ लेकिन दूसरी डोज के बाद लोगों को इसके साइड इफेक्ट्स हो रहे हैं। उन्हें खुद कार चलाते वक्त चक्कर आए और उल्टी समेत एलर्जी की परेशानियां हुई हैं। जो ये बात साफ करती है़ कि चीन में बनी ये वैक्सीन लोगों के लिए खतरनाक हो सकती है। केवल यही नहीं हजारों लोगों ने इसको लेकर अपने शिकायतें दर्ज कराई है। ऐसे में चीन में ही इसके आपातकालीन प्रयोग को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।

इन देशों में हो रहा ट्रायल

साइड इफेक्ट्स के बावजूद चीन अपने मित्र देशों में इसके ट्रायल कर रहा है। साउथ चाइना पोस्ट के मुताबिक चीन के अलावा इसका ट्रायल पाकिस्तान, यूएई, पेरू, अर्जेंटीना, बांग्लादेश, ब्राजील, मिस्र, बहरीन, मोरक्को, सऊदी अरब, रूस समेत इंडोनेशिया में भी किया जा रहा है। गौरतलब है कि इन देशों ने पहले ही चीन से इस वैक्सीन की खरीद का वादा कर लिया था जिसके कारण वो इस वैक्सीन को साइड इफेक्ट्स के बावजूद वो अपने नागरिकों पर आजमा रहे हैं जो कि एक आश्चर्यचकित करने वाली बात है। लेकिन इसके पीछे की बड़ी वजह चीन के साथ वैक्सीन को लेकर किए कॉन्ट्रैक्ट को माना गया है।

वैक्सीन थोप रहा चीन

इस मामले में विशेषज्ञों का मानना है कि चीन अब कॉन्ट्रैक्ट के कारण अपनी साइड इफेक्ट्स वाली वैक्सीन इन देशों को थोप रहा है जो कि उसकी मानवतावाद के प्रति क्रूर सोच को दिखाता है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की नीतियों ने इस सोच के जरिए पूरे विश्व में अस्थिरता पैदा कर दी है। इसी कारणवश पूरे विश्व में उसके दुश्मन देशों की संख्या में भी इजाफा हुआ है।

ज़ख्म और मरहम का धंधा

चीन ने अपने यहां जन्मे कोरोनावायरस की जानकारियों को छिपाया। जब पूरे विश्व में कोरोनावायरस फैल गया तब उसने इसे लेकर हामी भरी कि वायरस उसके यहां से ही निकला है। उसके ही दावे के मुताबिक चीन में जब कोरोनावायरस का खतरा खत्म हो गय है तो फिर भी वो अपनी साइड इफेक्ट वाली वैक्सीन का ट्रायल कर रहा है। पूरे विश्व के देशों को अपनी वैक्सीन देकर वो सभी की नजरों में भला दिखने की कोशिश तो कर रहा है। साथ ही चीन इस फिराक में भी है कि उसे इसके जरिए अच्छी खासी रकम मिल जाए जिससे वो अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत कर सके।

चीन पूरी दुनिया में वैक्सीन बांटकर कोरोनावायरस के कारण उपजे देशों के गुस्से को कम करना चाहता है। लेकिन वो अपनी इस साइड इफेक्ट्स वाली वैक्सीन के जरिए कोरोनावायरस की तरह एक नई वैश्विक मुसीबतें खड़ी करने के लिए तैयार भी है।  हांलांकि, चीन इसी लिए जाना भी जाता है।

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