उद्धव सरकार ने कंगना रनौत को दी चेतावनी, ‘पानी में रहकर मगरमच्छ से बैर’

kangana uddhav war

महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) और एक्ट्रेस कंगना रनौत (Kangana Ranaut) के बीच जंग जारी है। कंगना की जुबानी जंग के बाद अब शिवसेना ने अपने पत्र ‘सामना’ में उन्हें इशारों-इशारों में चेतावनी दे डाली। उन्होंने अपने संपादकीय पत्र में लिखा, पानी में रहकर मगरमच्छ से बैर नहीं किया जाता या खुद कांच में रहकर दूसराों के घर पर पत्थर नहीं फेंका जाता। जिन्होंने फेंका उन्हें मुंबई और महाराष्ट्र का श्राप लगा। मुंबई को कम आंकना मतलब खुद ही खुद के लिए गड्ढा खोदने जैसा है। महाराष्ट्र संतों-महात्माओं और क्रांतिकारियों की भूमि है। हिंदू स्वराज्य के लिए, स्वतंत्रता के लिए और महाराष्ट्र के निर्माण के लिए मुंबई की भूमि यहां के भूमिपूत्रों के खून और पसीने से नहाई है।’

पत्र में आगे लिखा, स्वाभिमान और त्याग मुंबई के तेजस्वी अलंकार हैं। औरंगजेब की क्रम संभाजीनगर में और प्रतापगढ़ में अफजल खान की क्रब सम्मानपूर्वक बनाने वाला यह विशाल ह्रदय वाला महाराष्ट्र है। इस महाराष्ट्र के हाथ में छत्रपति शिवाजी महाराज ने भवानी तलवार दी। बालासाहेब ठाकरे ने दूसरे हाथ में स्वाभिमान की चिंगारी रखी। अगर किसी को ऐसा लग रहा हो कि उस चिंगारी पर राख जम गई है तो एक बार फूंक मार कर देख ले!

कंगना के मुंबई को पाकिस्तान के POK के कहने वाले बयान पर तंज कसते हुए शिवसेना ने लिखा,मुंबई पाक अधिकृत कश्मीर है कि नहीं, यह विवाद जिसने पैदा किया, उसी को मुबारक। मुंबई के हिस्से में अक्सर यह विवाद आता रहता है। लेकिन इन विवाद माफियाओं की फिक्र न करते हुए मुंबई महाराष्ट्र की राजधानी के रूप में प्रतिष्ठित है। शिवसेना प्रमुख हमेशा घोषित तौर पर कहते थे कि देश एक है और अखंड है। राष्ट्रीय एकता तो है ही लेकिन राष्ट्रीय एकता का ये तुनतुना हमेशा मुंबई महाराष्ट्र के बारे में ही क्यों बजाया जाता है? राष्ट्रीय एकता की ये बातें अन्य राज्यों के बारे में क्यों लागू नहीं होती? जो आता है वही महाराष्ट्र को राष्ट्रीय एकता सिखाता है।

बता दें कि कंगना रनौत ने अपने एक बयान में मुंबई को पाकिस्तान का POK कहा था जिसके चलते शिवसेना सरकार ने कंगना को खुली चेतावनी दी थी कि वे मुंबई में कदम नहीं रखेंगी। इसी के बाद से विवाद बढ़ गया। कंगना ने भी महाराष्ट्र सरकार को चेतावनी दे डाली कि वे आएंगी मुंबई, दम है तो रोक के दिखाओ। वहीं, बीएमसी ने मुंबई के पाली हिल स्थित ऑफिस को तोड़ दिया था। जिसके बाद कंगना कोर्ट तक गई थी। इसके बाद महाराष्ट्र सरकार लगातार कंगना समर्थकों के निशाने पर है।

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