लालच में लार टपकाने वालों का भविष्य बताती है ये कहानी

 लालच से दूर रहने वालों का जीवन सहज और सरल होता है। लेकिन उसके विपरीत हर वक़्त चारो ओर लालच से घिरे रहने वालों को हमेशा से ही मुँह की खानी पड़ी है। इस बात को स्पष्ट करने के लिए आज हम आपको एक दिलचस्प कहानी बताने जा रहे हैं। हालाँकि इससे पहले आपने अपने नानी-नानी और दादा-दादी से लालच के हस्र के बारे में कई तरह की और भी कहानियाँ सुन चुके होंगे। फ़िलहाल आइए आज हम आपको एक और कहानी से रू-ब-रू कराते हैं, जिससे आपको पता चल सके कि आख़िर लालच करने वालों और लालच न करने वालों में क्या फ़र्क होता है।

इधर देखिये, क्रूज़ पर खड़ा ये इंसान एक हाथ में शराब लेकर मौसम का मज़ा लूट रहा है। लेकिन इसका ध्यान कहीं और ही है। हालाँकि क्रूज़ पर खड़े होकर बेहतरीन ठंडी हवाओं का आनंद इसे कम भा रहा है, क्योंकि सामने बेपर्दा होकर बैठी लड़की का लालच इसे घेर रहा है।
महोदय क्रूज़ से उतरकर लड़की को लपकने दौड़े थे। लेकिन लालच का फल कहाँ अच्छा होता है, लालच तो बुरी बला होती है, इसलिए फँस गये ना लड़की के बिछाये जाल में। आगे देखिये क्या होता है...
उसी समुन्दर में ठीक उसी जगह लड़की ने बिछाया है एक और जाल। इधर इसके पास से गुजर रहे इस शिप पर बैठे लोगों को दिख रहा है, कि सोने के गहनों से भरा एक बॉक्स उनसे बस कुछ ही दूर पर है। ऐसे में भला कौन उसे छोड़ सकता है?
लीजिये, शिप पर बैठे दोनों महानुभावों ने उतरकर जैसे ही गहनों की ओर लपका, वे ख़ुद ही जा फंँसे उस लड़की के जाल में। लो, और लालच में पड़ो।
आपने देखा, लड़की ने लालच में पड़ने वाले तीन जनों को अपने जाल में फँसा लिया है। अब उसे अपने अलगे शिकार का इंतज़ार है और उसे फँसाने के लिए लड़की ने इस बार मोतियों का हार समुद्र में तैराया हुआ है।
अरे ये क्या? लड़की का फेंका हुआ जाल तो पीछे रहा जा रहा है और ये बुज़ुर्ग महिला उसे इग्नोर कर आगे बढ़ी जा रही है...
ओह्ह.. शायद ये बूढ़ी औरत ज़्यादा लालची है। इसीलिए उसे ये एक नेकलेस भर रास नहीं आया। तभी तो उस चतुर लड़की ने अब बिछा दी हैं उसके लिए और ढेर सारी लालच की चीज़ें, जिनसे बचकर निकलना बुज़ुर्ग महिला के लिए मुश्किल जान पड़ता है। अब तो बुढ़िया फँसकर रहेगी लड़की के जाल में! हम्म...
मगर ये क्या? उस महिला को तो ये सब भी रास नहीं आया। अब तो उसकी नौका लड़की के बिछाये हुये जाल से काफ़ी दूर भी निकल चुका है। लगता है कि इस बूढ़ी औरत में तनिक भी लालच नहीं है।
अरे वाह... ये देखिये। वो बूढ़ी औरत अब सही सलामत अपने बेटे-बहू और पोतों के पास आ पहुँची है। सोचिए, अगर ये लालच में पड़कर समुन्दर में पड़े उस हार को उठाने की कोशिश करती तो आज अपने बेटे-पोते का मुँह नहीं देख पाती। इसीलिए कहते हैं कि लालच बुरी बला होती है और अगर आप लालच से दूर होकर निकल जायेंगे तो निश्चय ही इस बूढ़ी औरत की तरह आप भी अपनी ख़ुशियों के संसार से यक़ीनन मिल पायेंगे।
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