खुलासा! गलवान हिंसा का जिम्मेदार ड्रैगन, चीनी राष्ट्रपति कराते हैं घुसपैठ

 

भारत और चीन के बीच लद्दाख सीमा विवाद बढ़ता ही चला जा रहा है, इस बीच ड्रैगन को लेकर एक ऐसा खुलासा हुआ है, जिसकी कल्पना भी नहीं की गई थी। दरअसल हाल ही में चीन की सेना ने लद्दाख सीमा में जो घुसपैठ की थी, उसके पीछे कोई और नहीं बल्कि उन्हें शह देने वाले खुद राष्ट्रपति शी चिनफिंग हैं। जी हां, शी चिनफिंग नहीं चाहते कि सीमा पर परिस्थिति अनुकूल रहे। इसलिए लगातार अपनी सेना को हिंसा के लिए उकसा रहे हैं। यह खुलासा अमेरिका की प्रतिष्ठित पत्रिका न्यूजवीक ने किया है। न्यूजवीक के ताजा अंक में कहा गया है कि सीमा पर तनाव के पीछे राष्ट्रपति शी चिनफिंग का हाथ है, वही इस सारी हिंसा के जिम्मेदार हैं। इतना ही नहीं 15 जून को गलवान घाटी में हुए हिंसक टकराव के पीछे भी चीनी राष्ट्रपति का हाथ था, इस हिंसक झड़प में भारत के 20 जवानों के शहीद होने की खबर सामने आई थी, जबकि जवाबी कार्यवाई में चीन के कम से कम 40 सैनिकों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था। सूत्रों के अनुसार गलवान घाटी में हिंसक झड़प और रेजांग ला में घुसपैठ कराने के पीछे शी चिनफिंग का ही सारा करा धराया है।

अमेरिकी पत्रिका ने लिखा है कि चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी इस समय बदलाव के दौर से गुजर रही है। ऐसे में चिनफिंग के लिए चुनौतियां बढ़ रही हैं।

भारतीय सीमा पर चीन की सेना की विफलता पार्टी संगठन में चिनफिंग के लिए भारी पड़ सकती है। (पीएलए) का विफल होना चिनफिंग को दुष्परिणाम दे सकता है। पैगोंग सो झील के उत्तरी किनारे पर पीएलए ने घुसपैठ कर अड्डा जमाया,

तो उसे जवाब देने के लिए नजदीकी पहाडि़यों पर भारतीय सैनिक ने कब्जा जमा लिया। कहा जा रहा है चीनी राष्ट्रपति अब भविष्य में अपने देश में पैदा होने वाली चुनौती के मद्देनजर बचाव का रास्ता तलाश रहे हैं।

अब चीनी सैनिकों की सारी गतिविधियां भारतीय सैनिकों की नजरों में हैं। जरा सी गड़बड़ करने पर उन्हें आसानी से निशाना बनाया जा सकता है।

चूंकि राष्ट्रपति चिनफिंग चीन के सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के भी चेयरमैन हैं। इस लिहाज से पीएलए की हर गतिविधि के लिए वह जिम्मेदार हैं।

पत्रिका ने फाउंडेशन फॉर डिफेंस ऑफ डेमोक्रेसीज के लियो पास्कल के अनुसार गलवान घाटी में हुए टकराव में चीन के मारे गए सैनिकों की संख्या 60 तक हो सकती है।

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