आरटीओ में चल रहे भ्रष्टाचार पर बड़ी चोट करने की तैयारी में केंद्र सरकार


नई दिल्ली। आम लोगों की अक्सर शिकायत रहती है कि उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन पंजीकरण के लिए क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) के कई बार चक्कर लगाने पड़ते हैं। सामने आ रही तमाम शिकायतों के बाद केंद्र सरकार ने वाहन पंजीकरण और ड्राइविंग लाइसेंस के रिन्यूअल का काम अब आधार बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण (Aadhaar Biometric Authentication) से जोड़ने का प्रस्ताव (Proposal) तैयार किया है। सरकार के इस बड़े कदम के बाद आरटीओ में चल रहे भ्रष्टाचार के खेल पर रोक लगेगी। सामने आ रही जानकारी के अनुसार इस प्रस्ताव को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को भेजा जा चूका है।

इस पर परिवहन मंत्रालय का कहना है कि लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस की सुविधा तो ऑनलाइन होनी चाहिए। वहीं वाहन पंजीकरण प्रमाण पत्र (Vehicle registration certificate) ड्राइविंग लाइसेंस पर पता बदलने का काम को आधार बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के जरिए पूरे करने की कोशिश होनी चाहिए। आधार से जब आरटीओ से जुड़े पेपर वर्क लिंक हो जायेंगे तो एक आदमी अन्य प्रदेशों में अपना ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बनवा पायेगा। जिससे लम्बे वक़्त से चले आ रहे फर्ज़ीवाड़े पर रोक लगेगी। आधार से लिंक होने के बाद चोरी के वाहन का दोबारा किसी अन्य राज्य में रजिस्ट्रेशन करवाना लगभग नमुमकिन होगा।

जब आरटीओ से सम्बंधित सेवाएं ऑनलाइन होगीं तो बड़ा फर्ज़ीवाड़े पर रोक तो लगेगी ही, वहीं भ्रष्टाचार पर भी रोक लगेगी। सड़क परिवहन मंत्रालय आधार को वैकल्पिक दस्तावेज के रूप में वेरिफिकेशन के लिए अपनाने के हक़ में है। वहीं दूसरी तरफ सब्सिडी योजनाओं को छोड़ दूसरे किसी सरकारी काम के लिए आधार को अनिवार्य करने के पक्ष में कोर्ट नहीं है। जब सरकार ने आधार को कई सरकारी कार्यों में जरुरी कर दिया था तो कोर्ट ने सरकार के इस फैसले पर रोक लगा दी थी।

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