टीचर डे स्पेशल: पर्दे पर दिखे टीचर के ये किरदार रियल लाइफ में भी बन गए मिसाल

इंसान की जिंदगी में हर रिश्ते की अहमियत होती है, क्योंकि आपसे जुड़ा हर रिश्ता का आपके जीवन पर छाप होता है, खासकर आपका टीचर। जी हां, एक योग्य टीचर अपनी प्रेरणा से स्टूडेंट के जीवन को सही दिशा देता है। टीचर-स्टूडेंट के बीच की इस खास बॉंडिंग को कई सारी फिल्मों में पर्दे पर भी उतारा जा चुका है। आज टीचर्स डे के खास मौके पर हम ऐसी ही कुछ फिल्मों और उसमें निभाए गए टीचर के किरदार की बात कर रहे हैं जिन्होने दर्शकों को काफी प्रभावित किया है।

'तारे जमीन पर' में आमिर खान
2007 में आई फिल्म 'तारे जमीन पर' में आमिर खान ने उस टीचर का किरदार निभाया था जिसने एक बच्चे को जिंदगी बदल डाली। जी हां, इस फिल्म में दर्शील सफारी ने एक ऐसे बच्चे का किरदार निभाया था जिसे पढ़ने-लिखने में दिक्कत होने की वजह से उसके पिता उसे परिवार से दूर बोर्डिंग स्कूल भेज देते हैं। पर फिर उसकी लाइफ में एक टीचर की एंट्री होती है जो उस बच्चे के टैलेंट को पहचानता है और अपनी प्रेरणा से उस बच्चे को परेशानियों से बाहर निकालाता है। इस टीचर के किरदार में आमिर खान की भूमिका आज भी सराही जाती है।
चक दे इंडिया में शाहरुख खान
जी हां, भारतीय महिला क्रिकेट टीम के संघर्ष को बयां करती इस फिल्म जहां दर्शको ने खूब सराहा था, वहीं शाहरूख खान गंभीर और जुझारू टीचर के रूप में इस किरदार में जान डाल दी थी। फिल्म में शाहरूख कबीर खान नाम के कोच की भूमिका में थे जिसका एक ही मकसद था कि वो अपनी टीम को जीत दिलाकर अपने उपर लगाए गए दाग को धूल सके। इस फिल्म में कबीर खान के किरदार में शाहरूख की जीवटता देखते ही बनती है।
एम॰ एस॰ धोनी: द अनटॉल्ड स्टोरी में राजेश शर्मा
2016 में आई फिल्म एम॰ एस॰ धोनी: द अनटॉल्ड स्टोरी में धोनी के जीवन से जुड़े हर पहुलओं और लोगों से रूबरू कराया था, ऐसे में इस फिल्म में धोनी के स्कूल के कोच केशव राजन बेनर्जी के किरदार ने लोगों को काफी प्रभावित किया था। दरअसल केशव धोनी के स्‍कूल में 6-12 क्लास तक के बच्चों के स्‍पोर्ट टीचर हुआ करते थे और इन्‍होंने धोनी के साथ काफी मेहनत की। फिल्‍म में इस किरदार को राजेश शर्मा ने निभाया था वहीं सुशांत सिंह राजपूत धोनी के किरदार में नजर आए थे।
दंगल में आमिर खान
फिल्म दंगल में आमिर खान महावीर सिंह फोगाट का किरदार निभाया था जो कि भारतीय शौकिया पहलवान एवं वरिष्ठ ओलम्पिक कोच रहे। वहीं उन्‍होंने अपनी लगन और प्रेरणा से बेटी गीता और बबिता को पहलवान को भी अंतरार्ष्ट्रीय स्तर का पहलवान बनाया। पिता और गुरू के इस अहम किरदार को आमिर खान ने दमदार अदायगी से पर्दे पर ऐसा उतारा कि लोगों के लिए ये किरदार और फिल्म दोनो मिसाल बन गई।
आपको ये पोस्ट कैसी लगी नीचे कमेंट करके अवश्य बताइए। इस पोस्ट को शेयर करें और ऐसी ही जानकारी पड़ते रहने के लिए आप बॉलीकॉर्न.कॉम (bollyycorn.com) के सोशल मीडिया फेसबुकट्विटरइंस्टाग्राम पेज को फॉलो करें।

0/Post a Comment/Comments