सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज ने दी भगोड़े नीरव मोदी के पक्ष में गवाही, भारतीय न्याय व्यवस्था पर भी उठाया सवाल

 

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू न्याय व्यवस्था पर सवाल उठाकर इस समय चर्चा में आ गए हैं। वह भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के मामले में भारत से लाइव वीडियो लिंक के माध्यम से नीरव मोदी की तरफ से गवाही दी। नीरव मोदी की ओर से गवाही देने के बाद पूर्व जस्टिस काटजू एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं। नीरव मोदी का बचाव करने और उनके पक्ष में गवाही देने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि भारत में उनको उचित न्याय नहीं मिल पाएगा। फिलहाल मामले में अभी कोई फैसला नहीं आया है और अगली सुनवाई को 3 नवंबर तक के टाल दी गई है।

उन्होंने भारतीय न्याय व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि भारत में न्यायपालिका का अधिकांश हिस्सा भ्रष्टाचार की जद में है और जांच एजेंसियां सत्तापक्ष के इशारे पर काम करती हैं। इसलिए भारत में नीरव मोदी को सही और निष्पक्ष न्याय मिलने की उम्मीद नहीं की जा सकती। मार्कंडेय काटजू के इन दावों पर भारत सरकार की तरफ से केस लड़ रही बैरिस्टर हेलेन मैल्कम ने सवाल किया कि क्या ऐसा संभव हो सकता है। मामले में आप स्वघोषित गवाह हैं, जो कुछ भी बयानबाजी कर सकते हैं।

बैरिस्टर हेलेन मैल्कम ने इतना ही नहीं काटजू की तरफ से भारत में मीडिया को साक्षात्कार देने के निर्णय पर भी सवाल खड़े किए थे। इसपर काटजू ने जवाब देते हुए कहा कि राष्ट्रीय महत्व के मामलों पर बोलना उनका दायित्व बनता है और साक्षात्कार के दौरान वह सिर्फ पत्रकारों के सवालों के जवाब दे रहे थे। खैर भगोड़े नीरव मोदी के पक्ष में गवाही देने पर पूर्व जज को सोशल मिडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर ट्रोल होना पड़ा। इसको लेकर लोगों में गुस्सा इतना ज्यादा था कि कई लोगों ने उन्हें अपशब्दों भी कह डाला।

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