भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है, जिसे कोई रोक नहीं सकता। भूकंप आने पर पृथ्वी की सतह अपने आप हिलने लगती है, भूकंप की तीव्रता पर निर्भर करता है कि भूकंप कितना खतरनाक है। ज्यादा तीव्रता से आने वाला भूकंप अपने साथ ज्यादा तबाही लेकर आता है, वहीं कम तीव्रता से आने वाला भूकंप कम नुकसानदायक होता है। इसके अलावा भूकंप का खतरा देश के अलग-अलग जगहों पर भी निर्भर करता है।
खतरे के हिसाब से देश को 4 हिस्सों में बांटा गया है। जोन-2, जोन-3, जोन-4 और जोन-5।
जोन-5 में आने वाले क्षेत्र सबसे ज्यादा खतरे वाली जगह होते हैं। इसमें पूर्वेत्तर भारत, जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्से, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात में कच्छ, उत्तर बिहार, अंडमान निकोबार द्वीप जैसे समूह शामिल हैं। यहां ट्रैप या बेसाल्ट की चट्टाने होती है इसे भूकंप की दृष्टि से सबसे खतरनाक क्षेत्र माना जाता है, जिसकी तीव्रता एमएम 9 होती है।
जोन-2 सबसे कम खतरे वाला जोन माना जाता है। यहां भूकंप का खतरा बेहद ही कम होता है। इन जगहों पर भूकंप से तबाही का खतरा बेहद कम होता है। बाकी बचा सारा भारत इसी भूकंप जोन की श्रेणी में आता है।
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