एक मामूली से आइडिया से मास्टर ने खड़ी कर दी 73 हजार करोड़ की कंपनी, अंबानी के बेटों को टक्कर देने की तैयारी!

 

एक मामूली से आइडिया से मास्टर ने खड़ी कर दी 73 हजार करोड़ की कंपनी, अंबानी के बेटों को टक्कर देने की तैयारी!

वेल्थ मैग्जीन फॉर्च्यून ने 40 साल आयु तक के दुनिया के 40 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची जारी की है, जिसमें मुकेश अंबानी के बेटे आकाश, बेटी ईशा को भी जगह दी गई है, फॉर्च्यून की ओर से 5 कैटिगरीज में इन लोगों की लिस्ट तैयार है, जिसमें ईशा-आकाश के साथ ऑनलाइन एजुकेशनल ऐप्प बायजू के संस्थापक को भी शामिल किया गया है। मैग्जीन ने बायजू का परिचय देते हुए लिखा है, कि उन्होने दुनिया को दिखाया है, कि कैसे एक सफल ऑनलाइन एजुकेशन कंपनी खड़ी की जा सकती है, फॉर्च्यून के अनुसार साल 2011 में स्थापित एजुकेशन स्टार्टअप 10 अरब डॉलर यानी 73300 करोड़ रुपये की कंपनी बन गई है। आइये आपको बताते हैं कैसे महज 9 सालों में अरबपतियों के क्लब में शुमार हुए बायजू रवींद्रन।

सफलता की मिसाल
अरबपतियों के क्लब में नये शामिल हुए बायजू रवींद्रन की सफलता तकनीकी दुनिया में नये मुकाम हासिल करने की प्रेरणादायी कहानी है, कभी इंजीनियरिंग के छात्र रहे रवींद्रन ने बच्चों को पढाने के मकसद से बायजू ऐप्प बनाया था, फिर इस पर ऐसा काम किया, कि वो अरबपतियों के क्लब में शामिल हो गये, कोरोना काल में जब तमाम कारोबार ठप्प हैं, तब रवींद्रन सफलता की नई ऊंचाइयां हासिल कर रहे हैं।

ऑनलाइन पढाई
अपनी सफलता को लेकर बायजू कहते हैं, कि वह भारतीय शिक्षा के लिये ठीक वैसा ही करना चाहते हैं, जो कभी डिज्नी ने मनोरंजन के लिये किया था। उन्होने अपने नये ऐप्प में डिज्नी के तर्ज पर द लायन किंग के सिम्बा से लेकर फ्रोजन के अन्ना के जरिये ग्रेड वन से छात्रों को गणित और अंग्रेजी पढाया, उनके इस ऐप्प में एनिमेटेड वीडियो, गेम, तथा स्टोरीज भी हैं।

केरल में जन्म
केरल के कन्नूर जिले के अझिकोड गांव में जन्मे रवींद्रन के माता-पिता भी पेशे से अध्यापक थे, इंजीनियरिंग करने के बाद उन्होने कुछ साल शिंपिंग कंपनी में काम करने के बाद दोस्तों को गणित पढाना शुरु किया, उनकी प्रतिभा का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है, कि मामूली तैयारी के बाद भी उन्होने कैट में 100 पर्सेंट स्कोर किया था, दो साल बाद उनकी मदद से कई छात्रों ने कैट क्लियर किया, जिसके बाद वो फुल टाइम टीचर बन गये। उन्होने पढाने के लिये नया तरीका ढूंढा, सैकड़ों छात्रों को एक बड़े ऑडिटोरियम में पढाने लगे, सैटलाइट कम्युनिकेशन के जरिये क्लासेज लेते थे, फिर 2011 में पढाई के लिये थिंक एंड लर्न की स्थापना की थी, 2015 में बायजू ऐप्प की शुरुआत की, जिसने उन्हें रातों-रात मशहूर कर दिया। उनकी कंपनी की सफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वो भारतीय क्रिकेट टीम के स्पांसर हैं।

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