सेना ने संभाला ऊंची पहाड़ियों पर मोर्चा, 300 मीटर से भी कम दूरी पर चीनी और भारतीय सेना आमने-सामने

 पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ाता जा रहा है, सेनाओं के बीच टकराव की स्तिथि बनी हुई है। इस बीच भारतीय सेना ने सामरिक (Strategic) रूप उन पहाड़ियों और स्थानों पर अपनी मौजूदगी को बढ़ाया है। जिससे वक़्त पड़ने पर चीन को रोका जा सकता है। भारतीय सेना की कोशिश है कि चीन की सेना को इन ऊंची पहाड़ियों पर कब्जा करें। भारतीय सेना की तरह चीनी सेना भी उत्तरी पैंगोंग की पहाड़ियों पर अपनी मौजूदगी बढ़ा सकती है, जिसे देखते हुए सेना अलर्ट हैं। वहीं चीनी ऐसा पिछली 7 सितम्बर को कर चुकी है। जिसके बाद भारतीय सेना अब और भी ज्यादा मुस्तैद है। जिसके बाद दोनों ही सेनाओं के बीच टकराव के हालात बने हुए हैं।

चीनी सेना के पैंगोंग झील क्षेत्र से हटने के बाद भारतीय सेना ने अपने रुख में आक्रामक (Aggressive) बनाया है। जिसे देख चीनी सेना भी हैरान है। भारतीय सेना ने पिछले दिनों पांच से छह उन पहाड़ियों पर अपनी तैनाती की है। जिनका रणनीतिक महत्व काफी ज्यादा है। वहीं कुछ पहाड़ियां अभी भी ऐसी है जिस पर चीन की नजर हो सकती है। जिसे देखते हुए भारतीय सेना इन पहाड़ियों पर अपनी तैनाती करने के लिए प्रयासरत है।

दोनों सेनाओं के बीच ब्रिगेडियर स्तर पर बातचीत तो हुई है, जिसमे कुछ मुद्दो पर चर्चा के बाद सहमति भी बनी है लेकिन इस बातचीत के आधार पर जमीन में कोई काम नहीं बना है। बताया जा रहा है कि भारत और चीन की सेना रेजांगला क्षेत्र में एक दूसरे के सामने हैं। जिनमे चीन के जवानों की संख्या 40 है तो वहीं उसके करीब 7 हज़ार जवान बेस में मौजूद हैं। वहीं भारतीय सेना की हर तरह से तैयारी पूरी है। खास बात यह है कि इन दोनों के बीच में 300 मीटर की भी दूरी नहीं है।

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