सर्राफा बाजारों में उतार-चढ़ाव का मौसम जारी रहता है। इसमे कुछ नया नहीं है। कभी उतार तो कभी चढ़ाव का सिलसिला जारी रहता है, जिसमें आम जनता पर भी काफी हद तक असर देखने को मिलता है। स्थानीय सर्राफा बाजारों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी सोने चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव का सिलसिला देखने को मिलता रहता है। सोने-चांदी की कीमतों का निर्धारण कई कारकों पर निर्भर करता है, मगर ऐसे दौर में जब समस्त विश्व में कोरोना का कहर अपने चरम पर पहुंच चुका है, तो निवेशकों के लिए सोने में निवेश करना सबसे महफूज ठिकाना बनकर उभरा है। जिसके चलते भी सोने चांदी की कीमतों तेजी देखने को मिली है।
उधर, अंतरराष्ट्रीय विश्व समुदाय में किस तरह के सुरत-ए-हाल बने होते हैं। यह कारक भी काफी हद तक सोने चांदी की कीमत का निर्धारण करने में अहम किरदार अदा करता है। मौजूदा दौर में भारत और चीन के बीच का तनाव सहित अमेरिका समेत अन्य देशों द्वारा चीन के खिलाफ मोर्चा खोलने जैसी कवायदों ने भी सर्राफा बाजारों मे अपना गहरा प्रभाव छोड़ा है। मसलन..अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चल रही गतिविधियां भी सोने-चांदी के मूल्यों के निर्धारण में अहम भूमिका अदा करती है। वहीं, अगर सितंबर माह में स्थानीय सहित अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने चांदी की कीमतों की बात करें तो लगातार सोना सस्ता हो रहा है। अगस्त माह में तो सोन 5 हजार रूपए तक सस्ता हुआ था।
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