प्रयागराज। अयोध्या मंदिर विवाद खत्म होने के बाद अब श्रीकृष्ण जन्मस्थान को मुक्त कराने की मांग तेज होती दिख रही है। मथुरा में श्रीकृष्ण जन्म स्थान विवाद मामले में दाखिल याचिका में बने या न बनने को लेकर संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने चर्चा के लिए 15 अक्टूबर को वृंदावन में 13 अखाड़ों की बैठक बुलाई है। वहीं कुछ कृष्ण भक्तों ने मथुरा की एक अदालत में याचिका दाखिल कराकर पांच दशक पहले श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और शाही ईदगाह प्रबंध समिति के बीच हुए समझौते को अवैध करार देते हुए इसे खारिज करने की मांग की है। साथ ही पूरी जमीन मंदिर ट्रस्ट को सौंपे जाने की भी बात शामिल है। कोर्ट ने भी याचिका को स्वीकार कर लिया है, जिस पर अगली सुनवाई 30 सितंबर को होनी है।
इस बारे में बात करते हुए अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने प्रयागराज में बताया कि अखाड़ा परिषद काफी समय से मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान की जमीन के पास से मस्जिद को हटाए जाने की पक्षकार रही है। 15 अक्टूबर को वृंदावन में प्रस्तावित अखाड़ा परिषद की बैठक में इस बारे में फैसला लिया जाएगा। जन्मस्थली के लिए दायर याचिका में पक्षकार बनने की बात पर उन्होंने कहा कि मथुरा में भगवान कृष्ण की जन्मस्थली के लिए याचिका में अखाड़ा परिषद पक्षकार बने, इस पर भी बैठक में ही निर्णय किया जाएगा। महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि वृंदावन में अखाड़ा परिषद के सभी पदाधिकारी कृष्ण जन्मभूमि का स्थलीय भ्रमण करेंगे और दर्शन—पूजन के बाद वास्तविक स्थिति का जायजा लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अखाड़ा परिषद लंबे समय से श्रीकृष्ण जन्मभूमि और काशी विश्वनाथ मंदिर को पूरी तरह से ‘मुक्त’ कराने की पैरवी करती आ रही है। मजे की बात यह है कि मथुरा में एक तरफ जहां श्रीकृष्ण जन्मस्थली को मुक्त करने की बात उठ रही है वहीं दूसरी तरफ भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पाठक ने इस पर सियासत करने का आरोप लगाया है। उन्होंने श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पास स्थित शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने के लिए दायर याचिका की आलोचना करते हुए कहा कि कुछ बाहरी लोग मंदिर-मस्जिद जैसे मुद्दे को हवा देकर मथुरा की शांति और सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
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